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बीकानेर,कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए एक और सूची जारी की। इस चौथी सूची में बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत को मैदान में उतारा गया है। इसके साथ ही बीकानेर जिले की लूणकरणसर सीट से राजेंद्र मूँड को प्रत्याशी बनाया गया है। कांग्रेस ने इस सूची में 56 टिकट घोषित किए है।

इसके साथ ही बीकानेर जिले की सात में से छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी सामने आ चुके है। इससे पहले बीकानेर पश्चिम से डॉक्टर बी.डी.कल्ला, कोलायत से भंवरसिंह भाटी, खाजूवाला से गोविंदराम चौहान (तीनों मंत्री), नोखा से सुशीला दौड़ी (रामेश्वर डूडी की पत्नी) को मैदान में उतारा जा चुका है। अब श्रीडूंगरगढ़ से प्रत्याशी घोषित होना बाकी है।

आज घोषित टिकटों में बीकानेर के लिहाज से बहुप्रतीक्षित टिकट बीकानेर पूर्व से यशपाल गहलोत का कहा जा सकता है। इस टिकट को लेकर उत्सुकता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सोमवार देर रात को एकबारगी टिकट मिलने कि सूचना आ गई। इसके साथ ही शहर कांग्रेस कार्यालय में आधी रात को ही कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई। खुशियों से नारे लगाते कार्यकर्ताओं ने पटाखे चलाये और मिठाइयां बांटी। बाद में सूची जारी नहीं हुई तो एकबारगी पटाखे वापस अंदर रख दिये।

यशपाल गहलोत को टिकट मिलने की उत्सुकता इसलिए ज्यादा हो रही है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें दो बार टिकट देकर भी बेटिकट रख दिया गया था। दरअसल पहले उन्हें बीकानेर पश्चिम से उतारा गया। उस पर बी.डी.कल्ला समर्थकों ने जबरदस्त विरोध कर दिया। इसके बाद बीकानेर पूर्व सीट से टिकट घोषित हुआ लेकिन वहां कन्हैयालाल झंवर को उतारने के लिए रामेश्वर डूडी अड़ गए। आखिरकार यशपाल को बेटिकट रहना पड़ा।

पिछले चुनाव में टिकट कटने के बाद यशपाल के समर्थकों ने जमकर विरोध किया था। एकबारगी कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने भी हो गए थे लेकिन गहलोत ने धैर्य रखा। पांच साल सरकार का कार्यकाल होने के दौरान भी उन्होंने संगठन में ही काम करना तय किया। हालांकि इस दौरान एकबारगी सत्ता में पद लेने का अवसर भी आया था। कांग्रेस की उदयपुर मीटिंग में जब यह निर्णय हुआ कि लंबे समय से एक ही पद पर जमे अध्यक्षों को हटाया जाएगा तो सबसे पहले गहलोत ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद पार्टी ने वापस उन्हें अध्यक्ष के तौर पर दोहरा दिया।

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