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बीकानेर,शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में अमृतमयी निशा की रश्मियों संग सांस्कृतिक सोहबत करने के लिए ‘शरद संगत’ कार्यक्रम का स्थानीय हरी हैरिटेज में शनिवार रात आयोजन किया गया। जहां गगन में चांद अपने पूरे शबाब पर था, वहीं शहर के ख्यातनाम कलाकारों और मौजीज दर्शकों की सोहबत में शरद संगत भी अपने पूरे वैभव के साथ सरिता बहा रही थी।

कार्यक्रम का आयोजन दक्ष सिक्योर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और श्री ज्योति प्रकाश रंगा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। वहीं इस कार्यक्रम के सहयोगी के रूप में मार्केटिंग कंसल्टेंसी फर्म शशांक शेखर जोशी, शिव शक्ति साधना पीठ, हरी हैरिटेज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर काका बीकानेरी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

खुले गगन के तले बने मंच पर गीत-संगीत, मौसिकी, काव्य और हास्य का अनूठा संगम शरद संगत में नजर आया। गणेश वंदना और गगन के चांद से कार्यक्रम की गरिमामय शुरुआत श्री राजनारायण जी के मधुर कंठ से हुई। कार्यक्रम को अपनी कला से सफलता के शिखर पर ले जाने वालों में बाबू बमचकरी, राजाराम स्वर्णकार, इरशाद अजीज़, अमित गोस्वामी, संजय आचार्य ‘ वरुण’, बुलाकी हर्ष, रेणुका व्यास, कृष्णा आचार्य, मनीषा आर्य सोनी, राजेंद्र जोशी, विवेक शर्मा, गोपाल पुरोहित, आनंद मस्ताना, विप्लव व्यास, शशांक शेखर जोशी, संजय आचार्य, अरुण आचार्य, श्याम नारायण रंगा, कैलाश टाक, बसंत ओझा शामिल थे।

दर्शक वर्ग में डॉ. जितेन्द्र नांगल, चन्दशेखर जोशी, नागेश्वर जोशी, ब्रजगोपाल जोशी, एनडी रंगा, निर्मल धारीवाल, जन्मेजय व्यास, योगेश व्यास, संजय व्यास, गौरीशंकर आचार्य, राजेश बिश्नोई, डॉ. अजय जोशी, रामसहाय हर्ष, आरजे रोहित, डॉ. प्रवीण प्रजापत, अमित सोनी, गिरिराज जोशी, रामप्रसाद हर्ष, पंकज बोहरा, राकेश राजपुरोहित, निखिल चौधरी, समीर गोयल, दीपेंद्र सिंह, संजीव छाबड़ा, संजय खान, कमलेश मारू, लक्ष्यराज, विपिन कसवां आदि अनेक गणमान्य लोगों ने शरद संगत का लुत्फ लेने में कोई कसर नहीं रखी। हरी हैरिटेज के खचाखच भरे प्रांगण में चांद की अनुपम छटा और साहित्य की सरिता के साथ लोगों का रंजन इस मौसम की त्रिवेणी से कमतर प्रतीत नहीं हो रहा था।

बतौर आयोजक इस कार्यक्रम के संयोजक एवं मंच संचालक भी ज्योतिप्रकाश रंगा ही थे वहीं दक्ष टीम के अंकित मोहता, अनुराग गौड़ एवं कपिल डागा ने कार्यक्रम की शेष जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। शशांक शेखर जोशी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर बीकानेर में साहित्यिक कार्यक्रम के आयोजन की परंपरा रही है और शरद संगत इसी परंपरा का एक महत्वपूर्ण सेतु है तथा इसका आयोजन वर्ष दर वर्ष किए जाने का प्रयास रहेगा।

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