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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के अनुसंधानों का लाभ किसानों तक पहुंचाने तथा उनकी रबी फसलों संबंधित समस्याओं को समझने के उद्देश्य से कृषि महाविद्यालय बीकानेर के सभागार में बुधवार को एक दिवसीय क्षेत्रीय अनुसन्धान एवं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई । यह जानकारी देते हुए कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई.पी. सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. अरुण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में अनुसंधान निदेशक डॉ. पी.एस. शेखावत, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुभाष चंद्र, संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों, कृषि विभाग के अधिकारियों, बीकानेर, लूणकरणसर, जैसलमेर तथा पोकरण कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं कृषि अनुसन्धान केन्द्र से जुड़े हुए किसानों ने भाग लिया । इस मौके पर किसानों की समस्याओं पर विचार विमर्श हुआ तथा उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान सुझाया गया । कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय में किए जा रहे अनुसंधान कार्य किसानों की समस्याओं पर आधारित हो तथा अनुसंधान कार्यों के परिणाम समय पर किसानों तक पहुंचे । किसानों ने इसबगोल, चना, सरसों, जीरा, अनार, किन्नो की फसलों पर अपनी समस्याओं को रखा जिनका निदान पौध व्याधि वैज्ञानिक डॉ. दाताराम, कीट वैज्ञानिक डॉ. हनुमान देशवाल, उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़, खरपतवार नियंत्रण वैज्ञानिक डॉ. शीशपाल सिंह, खारे पानी में खेती विशेषज्ञ डॉ. रणजीत सिंह द्वारा किया गया| अनुसंधान निदेशक डॉ. पी.एस. शेखावत ने बताया कि संरक्षित खेती में उपयोग होने वाले पॉलीहाउस में निमेटोड़ की समस्या, नैनो यूरिया एवं नैनो डी.ए.पी. के फसल में प्रभाव, नमी संरक्षण हेतु हाइड्रोजेल की उपयोगिता एवं विभिन्न फसलों की फसल ज्यामिति के उत्पादन पर प्रभाव तथा खेती में जल बचत संबंधित अनुसंधान कार्यों की दिशा में विश्वविद्यालय कार्य रूपरेखा तैयार करेगा ।

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