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बीकानेर,आज चंपा बाई जी की बगीची में देवी भागवत की कथा के अवसर पर निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु बीकानेर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य शरीर एक कुरथ है जो विषय भोग और दुर्व्यसनों की ओर मनुष्य को ले जाता है। दूसरे मनुष्य का शरीर सुरथ हो जाता है सुरथ अच्छा शरीर वही है जो दान, पुण्य, तीर्थ, व्रत की और जीवन को ले जाता है ।कर्म उपासना और ज्ञान को प्राप्त करने वाला सुरथ होता है समाधि नाम वाले बनिया ने भी अपना जीवन और नाम को सार्थक किया ।मनुष्य जीवन का मोक्ष और समाधि लक्ष्य है गुरु मेधा ऋषि और भगवती दुर्गा उपासना से दोनों लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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