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बीकानेर,बीकानेर जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों में महज श्रीडूंगरगढ़ में भाजपा प्रत्याशी और समर्थक गांव-गांव पहुंचने शुरू हुए हैं। शेष छह सीटों पर भाजपा और सातों सीटों पर कांग्रेसी अभी सक्रिय नहीं है।

एक तरह से तूफान से पहले की शांति वाली स्थिति बनी हुई है। यहां तक कि कांग्रेस की टिकट पक्की माने जाने वाली खाजूवाला, कोलायत और बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट में भी नेता और उनके समर्थकों ने चुनावी तैयारी के साथ जनसम्पर्क शुरू नहीं किया है। टिकट घोषणा से पहले कार्यकर्ता भी पसोपेश में है। भाजपा में तो सभी सीटों पर एक से अधिक दावेदार हैं। इनमें से किसी को भी मौका मिल सकता है। ऐसे में कोई भी बिना टिकट के मेहनत नहीं करना चाह रहा। यही हाल दोनों दलों के संगठनों का है। पार्टी पदाधिकारी भी टिकट घोषणा के इंतजार में फिलहाल शांत बैठे हैं।

श्रीडूंगरगढ़: बगावत ठंडी पड़ी, कांग्रेस में हलचल नहीं

श्रीडूंगरगढ़ सीट पर भाजपा प्रत्याशी ताराचंद घोषित किए जा चुके है। उनके खिलाफ अंदरखाने बगावत का शोर अब धीरे-धीरे मंद पड़ने लगा है। सोमवार को वहां एक पैलेस में खाटी नेता परिवार के युवा सदस्य ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की। लेकिन बताते हैं कि इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। अभी भाजपा की दूसरी सूची और कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने तक इंतजार करने का निर्णय किया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस में तो पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है। लूणकरनसर सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के कार्यकर्ता अभी खामोश बैठे हैं। दोनों ही दलों में पिछले चुनाव में आमने-सामने रहे प्रत्याशियों के अलावा भी एक-एक मजबूत दावेदार है। हालांकि दोनों ही नेता गांव-गांव प्रचार में जुटे थे लेकिन आचार संहिता लगने के बाद शांत हो गए हैं। किसी भी स्थिति में चुनाव लड़ने का मन बना चुके नेता जरूर जनसम्पर्क कर रहे हैं। श्रीकोलायत में कांग्रेस की टिकट का सिंगल नाम पैनल में गया होने से टिकट को लेकर ज्यादा अस्पष्टता नहीं है। इसके बावजूद कार्यकर्ता अभी चुनावी मोड में नहीं आए हैं। नेता भी अभी टिकट घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।

इसके बाद ही वोटरों से सम्पर्क साधेंगे। दूसरी तरफ भाजपा में पुराने नेता की वापसी के बाद भी अन्य दावेदार शांत नहीं बैठे हैं। वे पार्टी की टिकट घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। यहां तूफान से पहले की शांति जैसे हालात हैं। बॉर्डर वाले खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में भी अभी कोई चुनावी हलचल ग्राउंड पर नजर नहीं आ रही है। भाजपा के दो प्रमुख दावेदार हैं। जो टिकट घोषणा के इंतजार में हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता टिकट को लेकर आश्वस्त जरूर है लेकिन खुलकर टीम को प्रचार में नहीं उतारा है। यहां पर भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही कोई हलचल होगी। आम वोटर अभी मौन है। उसके भीतर क्या चल रहा है, पढ़ पाना जरा मुश्किल है।

बीकानेर पूर्व: ज्यादा दावेदार, टिकट घोषणा से पहले बगावती सुर

बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के टिकट दावेदारों की लम्बी सूची है। यहां पर टिकट घोषणा के बिना कोई भी नेता ग्राउंड पर उतरने को तैयार नहीं है। भाजपा और कांग्रेस दोनों में बाहर से बड़े नेता को लाकर यहां उतारने की चर्चा भी है। ऐसे में बिना वजह पार्टी के लिए कोई मेहनत करने को तैयार नहीं है। टिकट घोषणा के बाद दोनों ही दलों से बागी निर्दलीय के रूप में ताल ठोक सकते हैं। इसके सुर अभी से सुनाई दे रहे हैं। पुराने बीकानेर शहर के परकोटा इलाके में भाजपा को लेकर अभी कोई सक्रिय नहीं है। इसकी वजह तीन-चार मजबूत दावेदार होना भी है। कोई भी टिकट घोषणा से पहले चुनावी टीम को मैदान में नहीं उतार रहा है। भाजपा यहां कुछ नया प्रयोग करने के मूड में है। दूसरी तरफ कांग्रेस में टिकट लगभग तय मानी जा रही है। इसके बाद भी पिछले चुनाव के अनुभव से कांग्रेस नेता टिकट घोषणा होने से पहले चुनावी सरगर्मी शुरू नहीं कर रहे हैं।

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