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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2020 में सरकार पर आए संकट को एक बार फिर याद किया। उन्होंने बिना नाम लिए सचिन पायलट गुट के विधायकों और भाजपा पर हमला बोला। गहलोत ने कहा-आरोप लगाना आसान होता है।

भाजपा और आरएसएस ने विधायकों के भ्रष्ट होने की अफवाह फहलाई है।

गहलोत ने कहा- हमारे विधायक भ्रष्ट होते तो सियासी संकट के समय 10-10 करोड़ रुपए मिल रहे थे, उन्होंने क्यों नहीं लिए। अगर, करप्ट होते, लालच होता तो ले लेते। 10 करोड़ रुपए कौन छोड़ना चाहेगा? इन्हें तो कोई कुछ कहने वाला ही नहीं था, कोई पूछने वाला नहीं था। आप बताइए जिन्होंने 10 करोड़ लिए होंगे, उन्हें कोई पूछ रहा है क्या?

गहलोत ने कहा- विधायकों ने बहुत करप्शन किया है, ये आरोप लगाना बड़ी आसान बात है। आजकल जमाना आरोपों का ही है, आप किसी के ऊपर भी आरोप लगा सकते हैं। गहलोत ने कहा- राजस्थान आज देशभर में चर्चित हो गया है। अमित शाह और पीएम मोदी राजस्थान में सरकार गिरा नहीं पाए। इसके बाद राजस्थान का ऑरा देशभर में अलग तरह का बन गया है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की सरकारें गिरा दीं, लेकिन राजस्थान में ये सरकार नहीं गिरा पाए। इसका श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान की जनता को दिया है। अगर, जनता हमारे खिलाफ होती, जनता का रुख हमारे साथ नहीं होता तो सरकार नहीं बचती। विधायक भी जनप्रतिनिधि है और वह जनता का मूड देखता है।

हमने बहुत मामूली अंतर से सरकार बचाई
गहलोत ने कहा- उस वक्त टच एंड गो का मामला था, बहुत मामूली अंतर से हमने सरकार बचाई है। आप देखिए हमारी सरकार की गुडविल (प्रतिष्ठा) कितनी बड़ी थी और किस प्रकार पब्लिक का सपोर्ट (जनता का साथ) मिल रहा था। लोगों ने विधायकों से कहा कि अगर, 6 महीने भी होटल में रुकना पड़े तो रुकिए, लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए। आपको पीछे नहीं हटना है।

किस संकट को याद कर रहे गहलोत?
दरअसल, सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज होकर बगावत कर दी थी। वे अपने सहयोगी 18 विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे। इस दौरान कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि सरकार गिराने के लिए भाजपा कांग्रेस विधायकों को 10-10 करोड़ का ऑफर दे रही है। बुधवार को सीएम गहलोत ने इसी बगावत को याद किया और भाजपा की ओर से विधायकों को भ्रष्ट कहने जाने के आरोप का जवाब दिया।

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