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बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में कृषि कार्य करते हुए हो रहे हादसों में किसानों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। फसलों में लगने वाले कीट, खरपतवार को नष्ट करने के लिए अत्यंत खतरनाक जहर क्षेत्र में खुलेआम बेचा जा रहा है एवं अप्रशिक्षित किसान खेतों में छिडकाव करते हुए इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवाई जा रही है। श्रीडूंगरगढ़ थाने में सोमवार रात एवं मंगलवार को लगातार दो दिनों में दो मर्ग दर्ज हुई है। थानाधिकारी वेदपाल शिवराण ने बताया कि पहले मामले में गांव लिखमादेसर में कृषि कार्य कर रही महिला लीलादेवी पत्नी जेठाराम जाट गत 25 सितम्बर को कृषि कार्य करते हुए जहर की चपेट में आ गई थी। परिजन श्रीडूंगरगढ़ लाए एवं यहां से बीकानेर रैफर किया गया। बीकानेर में दौराने इलाज सोमवार को उसकी मृत्यू हो गई थी। इसी प्रकार श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के कालूबास वार्ड 28 के निवासी विष्णू प्रजापत की 45 वर्षीया पत्नी पुष्पादेवी भी अपने खेत में गत 19 सितम्बर को स्प्रे कर रही थी। इसी दौरान हवा का रूख बदलने के कारण उसे जहर चढ़ गया। इनको भी श्रीडूंगरगढ़ चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद बीकानेर रैफर किया गया। जहां दौराने इलाज मंगलवार सुबह मृत्यू हो गई। पुलिस ने दोनो प्रकरणों में मर्ग दर्ज कर ली है। लेकिन सवाल उठ रहे है कि अधिक उत्पादन, कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि के नाम पर खुलेआम बेधड़क बिक रहे इस जहर पर आखिर नियंत्रण कब हो पाएगा। क्षेत्र का प्रशासन और कितनी जानें गंवाने का इंतजार कर रहा है।

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