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बीकानेर,पीईसी की आखिरी बैठक जयपुर में होने के बाद शनिवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दिल्ली में

बीकानेर,जयपुर,राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की टिकट सूची के इंतजार के बीच टिकट दावेदारों के होश उड़े हुए है।

एक दिन इंतजार के लम्हों में गुजर रहा है। अधिकांश नेता टिकट वितरण की प्रक्रिया पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और अपने समर्थक नेताओं के बार-बार फोन घनघना रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस में टिकट वितरण के लिए पूरी प्रक्रिया दिल्ली शिफ्ट हो चुकी है। पीईसी की आखिरी बैठक जयपुर में होने के बाद शनिवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दिल्ली में हुई। चुनाव पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री पिछले दो-तीन दिन से लगातार बैठकें कर पार्टी की सर्वे रिपोर्ट और नेताओं के फीडबैक आधार पर जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में जुटे हैं। इसके बाद ही पहली टिकट सूची जारी होने की संभावना है। चूंकि पहली सूची में स्थापित नेताओं के नाम ही शमिल होंगे और बाकी सूची नामांकन के आखिरी दिनों में जारी होंगी।

खोजबीन करने में जुटे मंत्री-विधायक: सर्वे रिपोर्ट में 50 प्रतिशत विधायकों की परफॉर्मेस खराब मिलने की सूचनाओं के चलते टिकट कटने के डर से कई मंत्री-विधायकों की नींद ही उड़ गई है। लिहाजा जयपुर से लेकर दिल्ली तक पहचान वाले बडे नेताओं से संपर्क कर टिकट फॉर्मूले की खोजबीन में जुट गए हैं, ताकि टिकट कटने की नौबत में कोई गली निकालने का समय मिल जाए। इस बार पूरी प्रक्रिया इतनी गंभीर और गोपनीय तरीके से पूरी की जा रही है कि कई बड़े नेताओं को भी अंदरखाने की खबर नहीं मिल पा रही है।

कोई सीट बदलने तो किसी की परिवार में टिकट की चाहत

सर्वे रिपोर्ट में खराब परफॉर्मेंस के बाद कई नेता पार्टी के दिग्गजों को जिताऊ का सुझाव इस तरह दे रहे हैं कि उनकी विधायकी बनी रहे। कुछ विधायकों ने एक दूसरे की सीट बदलकर चुनाव लड़ने का सुझाव दिया है। इसमें दौसा, बांदीकुई, हवामहल, किशनपोल, झोटवाड़ा, आमेर जैसी आदि सीटों के नाम चर्चाओं में हैं। इसके अलावा कई मंत्री-विधायकों ने खुद की जगह उनके बेटे-बेटी, भाई या पत्नी या अन्य रिश्तेदार को टिकट देने की सलाह दी है, ताकि नए व्यक्ति के खिलाफ एन्टी एन्कबेंसी नहीं होने का फायदा मिल सके।

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