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अंत में पितामह ब्रह्मा जी ने आकाशवाणी के द्वारा उन्हें संबोधित करते हुए प्रसन्न स्वर में कहा आज तक किसी ने ऐसी कठोर तपस्या नहीं की… जैसी तुमने की है… तुम्हारे इस कृत्य की चारों ओर सराहना हो रही हैं….तुम्हारी मनोकामना सर्वतोभावेन परिपूर्ण होगी… भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हे पति रूप में प्राप्त अवश्य होंगे….अब तुम तपस्या से विरत होकर घर लौट जाओ..शीघ्र ही तुम्हारे पिता तुम्हें बुलाने आ रहे हैं… इसके बाद माता घर लौट आएं… और कुछ दिनों बाद ब्रह्मा के लेख के अनुसार उनका विवाह महादेव शिव के साथ हो गया….अनुष्ठान से जुङे नितेश आसदेव ने बताया..कि उपरोक अनुष्ठान मे बीकानेर बंबलु निवासी माता धापुदेवी के पुत्र और हाल मुम्बई के प्रसिद्ध भामाशाह कॉन्ट्रेक्टर रामप्रताप कुंदनराम आसदेव लक्ष्मण आसदेव नवरत्न आसदेव मनोज आसदेव पुनम आसदेव दिनेश आसदेव गोरांश आसदेव एव समस्त बंबलु आसदेव परिवार नवदिवसीय नवरात्र अनुष्ठान के मुख्य यजमान है…..संस्थान की और से नित्य पुजन सेवाश्रम से मदनमोहन मल्ल प्रथ्वीसिंह पंवार नारायण सोनी नवरत्न धामु हरिकिशन नागल श्रीकिसन मांङण आदि जुङे हे.. नित्य कंजक पुजा व्यवस्था हेतु सीमा पुरोहित ममता आसदेव नितेश आसदेव को अनुष्ठान प्रभारी बनाया गया है..
 


 
                                                         
                                                         
                                                         
                                                         
                                                        