बीकानेर,राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आज विधानसभा उम्मीदवारों पर मंथन करेंगे. कल दिल्ली में सीईसी की बैठक के बाद नवरात्र में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जाएगी.
इसके साथ ही ईआरसीपी को लेकर कांग्रेस 15 अक्टूबर को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी. वहीं, बीजेपी में नाराज नेताओं को मनाने के लिए प्रदेश प्रभारी से लेकर केंद्रीय मंत्री तक ने मोर्चा संभाल लिया है. भारतीय जनता पार्टी में टिकट बंटवारे के बाद उपजे सियासी विवाद को खत्म करने के लिए अब शीर्ष नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अजमेर, संगठन महासचिव चंद्रशेखर झुंझुनूं, राजस्थान सह प्रभारी विजया रहाटकर सांचौर, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया श्रीगंगानगर और अरुण सिंह जयपुर में लोगों को समझाने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को संभालने की कोशिश में जुट गए हैं. बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद प्रदेश भर में चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. वहीं, पार्टी विद द डिफरेंस अब अलग मोर्चे पर लड़ती नजर आ रही है। इस चुनाव में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से होता दिख रहा है लेकिन जिस तरह से वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं के टिकट काटे गए हैं. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस के अलावा बीजेपी भी वसुंधरा राजे से शीत युद्ध लड़ रही है.
राजस्थान बीजेपी के नाराज नेताओं को मनाने के लिए अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मोर्चा संभाल लिया है. शेखावत के साथ-साथ संगठन से जुड़े बड़े नेता भी लगातार टिकट कटने से नाराज नेताओं के संपर्क में हैं.
बीजेपी की पहली सूची पर नजर डालें तो साफ हो जाता है कि बात सिर्फ कांग्रेस और वसुंधरा राजे की ही नहीं है. दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इस जंग का हिस्सा बन गया है. क्योंकि पहली सूची में संघ नेताओं को भी जगह नहीं मिली है. संघ पदाधिकारी ने जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से प्रताप भानु को टिकट देने की सिफारिश की थी.
संघ नेताओं के आग्रह के बाद प्रताप भानु ने झोटवाड़ा में प्रचार के लिए पोस्टर छपवाए और घर-घर जनसंपर्क भी शुरू किया. लेकिन बीजेपी ने वसुंधरा राजे के करीबी राजपाल और संघ के विश्वासपात्र प्रताप भानु को किनारे कर दिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को अपना उम्मीदवार बना दिया. जिससे राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी काफी नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी भी टिकट कटने से खुश नहीं हैं. उन्होंने टिकट कटने के लिए राजस्थान बीजेपी के संगठन महासचिव चन्द्रशेखर को भी जिम्मेदार ठहराया.उन्होंने कहा कि मैं पिछले दो महीने से उनसे मिलने का समय मांग रहा था. लेकिन कौन जानता है कि चन्द्रशेखर कहां व्यस्त थे. जिनकी पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक से भी मुलाकात नहीं हो सकी.
बीजेपी में टिकट बंटवारे के बाद नाराज और नाराज नेताओं को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. अपने करीबी नेताओं के टिकट कटने के बावजूद अब वसुंधरा राजे पार्टी की दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने अपने करीबी नेताओं को कमल पर भरोसा रखने के साथ ही धैर्य रखने की सलाह दी है. ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि पिछले साढ़े चार साल से मुख्यधारा में आने का इंतजार कर रहीं वसुंधरा राजे दूसरी सूची के बाद भी अपना धैर्य बरकरार रख पाएंगी या नहीं. न सिर्फ वसुंधरा राजे बल्कि पार्टी भी उनके साथ धैर्य रखती रही है. राजस्थान बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने कहा कि केंद्र में जेपी नड्डा के बाद वसुंधरा राजे बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी नेता हैं. हमारी पार्टी में कोई गुट या खेमा नहीं है. कमल ही हमारी पहचान है. वहीं, कांग्रेस पार्टी में भी हालात अच्छे नहीं हैं. कैबिनेट मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ पिछले 48 घंटों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और नवनियुक्त एआईसीसी कोषाध्यक्ष अजय माकन से मिलने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि हाईकमान को मनाकर विधानसभा चुनाव में टिकट हासिल किया जा सके.