Trending Now




बीकानेर,हिंदुओं के प्रमुख त्योहार दशहरे पर हर साल रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला दहन किया जाता है. इसमें बड़ी संख्या में लोग रावण दहन को देखने आते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि रावण के इतने बड़े पुतले और लंका को कौन बनाता है, हम आपको बताते है.

इतने बड़े विशालकाय रावण और उसके परिवार के पुतले को कोई हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम परिवार बनाता है. सुनने में भले ही अजीब लगता है लेकिन यह सच है.

यह मुस्लिम समाज के लोग इस बार नहीं बल्कि कई पीढ़ियों से यह रावण और उसके परिवार के पुतले बनाने का काम कर रहे है. इस बार भी बीकानेर के डॉ करणी सिंह स्टेडियम में 80 फीट के रावण और 60 फीट के कुंभकरण और मेघनाद को बनाने के लिए दूसरे राज्यों से आए मुस्लिम समाज के लोग इन्हें बना रहे है. ऐसे में बीकानेर सहित देश में गंगा-जमुनी तहजीब का संगम देखने को मिल रही है.

24 अक्टूबर तक चलेगा काम

बीकानेर में 20 सालों से पुतले बना रहे सलीम ने बताया कि उनका परिवार उत्तरप्रदेश के बागपत से आया है. यहां वे करीब 15 लोग आए है जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल है. 18 सितंबर से ये काम शुरू किया था जो 24 तक दशहरा के दिन तक चलेगा. उनका पूरा परिवार यही काम करता है. वे पांचवी पीढ़ी है इससे पहले उनके पिताजी और दादाजी भी यही काम करते थे.

अब तक यह बन चुका

वे बताते है कि रावण के पुतले के अब तक चेहरा, हाथ, पैर और कुछ हिस्सा ओर लंका भी बन गई है. अब इनमें कलर देना बाकि है. अब सिर्फ 30 प्रतिशत काम बाकी है. ज्यादा तो सिर्फ कलर का काम और इसको खड़ा करना बाकी है. पटाखे तो उसी दिन लगाए जाएंगे. सलीम सुबह 9 बजे काम करना शुरू कर देते है जो दोपहर तक करते है. इसके बाद शाम को लगते है जो रात 2 बजे तक करते है.

Author