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बीकानेर,चूरू,अधिकांश समय नदारद रहने वाले महनसर सीएचसी के प्रभारी डॉ उमर की प्रताड़ना से चिकित्साकर्मी बहुत परेशान हैं। प्रभारी डॉ उमर की प्रताड़ना से महिला चिकित्साकर्मी भी नहीं बच पाई हैं। कोरोना काल में महनसर सीएचसी के प्रभारी डॉ उमर के खिलाफ जनप्रतिनिधियों और आमजन द्वारा दर्जनों बार शिकायत की गई, उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। डॉक्टर उमर महिला चिकित्साकर्मियों को प्रताड़ित करने के लिए उनकी डयूटी रात के समय लगा देता है। रेडियोग्राफर विनय कुमार सहारण को तो डॉक्टर उमर ने प्रताड़ित करके एपीओ तक करवा दिया है। डॉक्टर उमर को रेडियोग्राफर विनय कुमार सहारण का महंगी कार में सवार होकर डयूटी आना बर्दास्त नहीं हुआ। इस कारण डॉक्टर उमर ने उमर ने रेडियोग्राफर विनय कुमार को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। डॉक्टर उमर ने विनय कुमार को उसकी शादी में भी छुट्टी तक समय पर नहीं दी। न ही कभी समय पर वेतन मिलने दिया। विनय कुमार सहारण का स्थाईकरण आवेदन आज तक सीएमएचओ झुंझुनू को नहीं भेजा गया है। विनय कुमार के पिता एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोमासी चूरू के प्राचार्य नरेंद्र कुमार सहारण ने बताया कि उनके पुत्र को सीएससी प्रभारी डॉक्टर उमर व बाबू उज्जवल बराला द्वारा झूठे व निराधार आरोप लगाकर प्रताड़ित किया गया और सीएमएचओ झुंझुनू में शिकायत दर्ज करवाई गई। डॉक्टर उमर ने मेरे पुत्र पर सरासर झूठे आरोप लगाए हैं। डॉक्टर उमर के खिलाफ बहुत ही गंभीर आरोप कई बार लग चुके हैं। भारी अनियमितता के बावजूद पता नहीं किस दवाब के कारण झुंझुनूं के उच्च अधिकारी डॉक्टर उमर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। ऐसे चिकित्सक को तो तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।

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