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बीकानेर,इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर तथा इनोवेशन सेल द्वारा आज गांधी दर्शन सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें रजिस्ट्रार श्री राजेन्द्र सिंह शेखावत व डॉ राहुल राज चौधरी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया, समन्वयक डॉ प्रीति नरुका ने बताया कि मुख्य वक्ता प्रोफेसर बृजरतन जोशी ने गांधी जी के जीवनी पर प्रकाश डाला । डा नरूका के बताया कि गांधी जी समाज के प्रत्येक तबके से संवाद कायम करने का विशिष्ट हुनर रखते थे। अपने जीवनकाल में 33000 पत्रों से भी अधिक का जवाब दिया, डेढ़ लाख से अधिक पुस्तकों का अध्ययन किया, विदेश यात्राएं कीं, अहिंसा पर जोर दिया। गांधी जी ने परमाणु युद्ध में फंसे विश्व को बिना हिंसा विजय का रास्ता दिखलाया। गांधी जी मानव तथा प्रकृति केंद्रित तकनीक पर बाल देते थे तथा इसी विचाराधारा को अपने द्वारा वर्धा आश्रम के निर्माण में दर्शाते हुए प्राकृतिक जीवन से जुड़ाव का संदेश दिया। उनके जीवन की महत्वपूर्ण प्रेरणाओं पर चर्चा की गई।

आंध्र प्रदेश आए आई टी बोम्बे के पूर्व छात्र तथा संयुक्त राष्ट्र संघ को पारिस्थितिकी तथा ऊर्जा विशेषज्ञ के रूप में सेवाएं देने वाले श्री सागर धारा ने प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित विश्व स्तरीय डाटा उपलब्ध करवाते हुए बहुत ही सुचारु ढंग से पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। दिशाहीन विकास तथा विकसित देशों के अनियंत्रित कार्बन उत्सर्जन से विश्व के अस्तित्व पर आए संकट के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया।

इसके प्रकृति तथा मानव केन्द्रित जनांदोलन से जुड़े  सज्जन ने विद्यार्थियों को इस दिशा में और अधिक जागरूक किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ इंदु भूरिया द्वारा किया गया कार्यक्रम में डॉ राधा माथुर, डॉ मंजेश्वरी व्यास, श्री धन रूप मल नगर श्री हरजीत सिंह व अन्य शिक्षक मौजूद रहे, विद्यार्थियों में अभिषेक सिंह भाटी, जोयल वशिष्ठ तथा खुशी बिस्सा ने कार्यक्रम के प्रबंधन में अपना योगदान दिया।

इस अवसर पर महाविद्यालय में सफाई व वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया।

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