
बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान मोहनीदेवी भगवान दास परिवार के संयुक्त संयोजन मे “प्रकाश चंद भगवानजी पंवार माली” की स्मृति में कृपाल भैरव मन्दिर मोहता कुंआ स्थित “श्रीभगवान निवास” में हो रही श्रीमद्भागवत सप्ताह का शुभारंभ दोपहर 2:30 से “पित्र अर्जुनराम जी कृपा” से प्रथम दिवस “श्रीछैल बिहारी जी महाराज” के मुखारविंद से भागवत कथा सदग्रहस्थ संत मनुजी महाराज के सानिध्य मे शुभारंभ हुआ।उपरोक्त कथा “श्रीमति मोहनी देवी के आशीर्वाद के साथ पंवार परिवार द्वारा “प्रकाशचंद पंवार व पिता भगवानजी पंवार माली की स्मृति” में कथा हो रही है”। भागवत महात्म्य की विस्तृत व्याख्या भक्ति ज्ञान वैराग्य प्रसंग द्वारा बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज ने नारद जी द्वारा भक्ति भक्ति ज्ञान वैराग्य के कष्टों की निवृत्ति हेतु सनतकुमारों से कथा श्रवण कराने का प्रसंग विस्तृत व्याख्या द्वारा बतलाया गया। भागवत कथा श्रवण चिंतन एवं मनन करने संबंधित एवं भागवत कथा को सप्त दिवसीय सुनते हुए उसमे दिये गये नियमों का पालन करने की महत्वता बतलाते हुए श्री छैल बिहारी जी ने भक्ति ज्ञान वैराग्य के कष्टों की निवृत्ति के साथ-साथ भागवत महात्म्य का श्रवण करवाते हुए “सकाम भक्ति एवं निष्काम भक्ति” के प्रसंग के माध्यम से भागवत एवं समस्त पुराणों मे भोग की व्याख्या के बारे में बतलाया गया… बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज ने बताया”कि जीवन मे भोग तो आपको अपने कर्मानुसार भोगना ही पड़ेगा, अच्छा करोगे अच्छा भोगोगे, बुरा करोगे बुरा भोगोगे। फिर भी हम अपने क्षणिक सुखों को पाने के लिये जाने अन्जाने पापकर्म कर बेठते हे। हम सब मे वो अविनाशी परमात्मा का आत्मा मे निवास है, “वो गलत सही का भेद भी अंतर्मन से करवाता है”। फिर हम अगर नहीं माने तो एक दिन हमारा कर्म ही हमारा निर्माण ओर विनाश का जिम्मेदार होगा।अत: हर जीव निस्वार्थ भक्ती करे।तो सद्बबुद्धि ही हमारा जीवन जीने का हुनर बन जाती है। व्यास तिलक व श्रीमद भागवत पुराण का पुजन दिनेश कुमार सुनीता गहलोत ने सप्तनिक करवाया।।भागवत कथा में सेवा श्रम हेतु ओमप्रकाश सोनी आकाश सोनी लविश व हिमांशी गहलोत,नवरत्न धामू, प्रधानाचार्य हरिकिशन नागल, ओमप्रकाश कुलरिया, देेवकिशन गैपाल,नितेश आसदेव,नंदनंदिनी पुरोहित, एवं पंडित शास्त्री रवि सारस्वत,नैना सोनी संपूर्ण कथा मैं व्यवस्था का कार्य प्रभार संभाल रहे हैं।