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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह बीकानेर यात्रा काफी निर्णायक और आने वाले चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में अच्छा माहौल बनाने में मददगार हो सकती है। वे ऐसे मौके पर बीकानेर आए हैं जहां सुषुप्त पड़ी भाजपा में देवी सिंह भाटी के आने से रंगत आ गई है। यह ही नहीं भाटी के आते ही कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे टक्कर की स्थिति नजर आने लगी है। अभी सात सीटों में से तीन तीन भाजपा और कांग्रेस और एक सीट माकपा के पास है। बीकानेर में राजस्थान के राज्यपाल कल राज मिश्र , उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ का कहने को गैर राजनीतिक और तीन केंद्रीय मंत्री अभी राजनीतिक दौरा चुके हैं। बीकानेर के कांग्रेस नेताओं में गहलोत की इस यात्रा से नए जोश का संचार हो सकेगा। हालांकि बीकानेर जिले से राजस्थान सरकार में तीन मंत्री है। कद्दावर नेता डा. बी डी कल्ला को पार्टी के लोगों ने ही घेर रखा है। गोविंद मेघवाल खाजूवाला को जिला बनाने के मुद्दे पर घिरे हुए हैं। वही भंवर सिंह भाटी पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे अवैध खनन, रॉयल्टी चोरी, वसूली और भू माफिया के चंगुल में फसे हैं। इन हालातों में मुख्यमंत्री की यह यात्रा कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार करेगी। वही टिकट की चाह रखने वाले लोगो को भी अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। मिशन 2030 के मंच से व्यापारी और उद्यमियों को साधने का काम हो सकेगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की जन कल्याण की योजनाओं के धुंआधार प्रचार का शोर पूरे प्रदेश में चल रहा है। यह बात सही है कि गहलोत सरकार ने इस कार्यकाल में जनता को जितना दिया है वो अपने आप में मिसाल है। जन कल्याण की इतनी योजनाएं है कि सरकार के मंत्री और विधायक गिनाते गिनाते थक जाते हैं। वे कई योजनाएं गिनाना भी भूल जा रहे हैं। सरकार के अफसरों का काम है योजनाओं की समीक्षा करना,योजनाओं की मिटिंगे लेना और लागू करना भर है। इससे बाहर कोई अफसर किसी की नहीं सुनता। इस मैराथन में लोगों की समस्याएं सुनने और सुलझाने वाले कोई नहीं है। आम आदमी की परेशानी की आवाज नकार खाने में तूती बजाने जैसी है। इस स्थिति को बीकानेर में रेलवे के अंडर ब्रिज के निर्माण और उपनिवेशन विभाग की कार्य प्रणाली से सच को समझा जा सकता है। 23 फरवरी 2023 को उद्घाटन होने की निर्धारित तिथि वाला अंडर ब्रिज में आज भी काम चल रहा है। उपनिवेशन विभाग की गजनेर श्रीकोलायत तहसील में सैकड़ों किसानों को खातेदारी देने का मामला अटका हुआ है। विभाग के आयुक्त से लेकर सहायक आयुक्त, तहसीलदार ऑफिस में ही नहीं बैठते समाधान करें कोन ? एक बार सी एम साहब यह आप सुन लो तो सरकार को पर्दे के पीछे का सच मालूम पड़ जाएगा।

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