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बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के जैव चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण एवं प्रौद्योगिकी केंद्र, राजुवास द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करमीसर, बीकानेर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पशु जैव चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण एवं प्रौद्योगिकी केंद्र की मुख्य अन्वेषक डॉ. दीपिका धूड़िया ने बताया कि आमजन को जैवचिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित निस्तारण एवं प्रबंधन का ज्ञान होना अति आवश्यक है जिससे वो स्वयं को एवं दूसरों को भी संक्रामक रोगों से बचा सके। केन्द्र के प्रोजेक्ट एसोसिएट डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने जैवचिकित्सकीय अपशिष्ट का मानव स्वास्थ्य एवं वातावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों से विद्यार्थियों को अवगत करवाया तथा रेबीज रोग से बचाव की जानकारी प्रदान की। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान डॉ. रणवीर गोदारा, भास्कर वैष्णव, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रीना कच्छावा, राजीव लोचन व्यास एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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