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बीकानेर,उम्मीद थी कि भाजपा में जिस प्रकार मध्यप्रदेश में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, उसी अनुसार राजस्थान में भी सूची जारी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब माना जा रहा है कि उम्मीदवारों की सूची श्राद्ध पक्ष के बाद जारी होगी। श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक चलेगा। यानी पहली सूची 14 अक्टूबर के बाद जारी होगी। सनातन संस्कृति में श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य नहीं होते हैं। क्योंकि भाजपा की नींव ही सनातन धर्म से जुड़ी है। इसलिए कहा जा रहा है कि हाईकमान भी लोगों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखेगा। हालांकि अभी चुनाव की अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। आमतौर पर उम्मीदवारों की सूची अधिसूचना के बाद ही जारी होती है। अधिसूचना के बाद ही यह पता चलता है कि किस प्रदेश में कितने चरणों में मतदान होगा। राजस्थान सहित पांच राज्यों में एक साथ चुनाव होने हैं। गत बार 6 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई थी। हो सकता है कि चुनाव आयोग भी अधिसूचना को श्राद्ध पक्ष के बाद जारी करे।

वसुंधरा उत्साहित नहीं:
भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले 27 सितंबर को राजस्थान भाजपा की कोर कमेटी की बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में जयपुर में हुई। विधानसभा चुनाव की तैयारियों और उम्मीदवारों के चयन को लेकर इस बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना गया। 27 सितंबर को होटल लीला में हुई बैठक में वसुंधरा राजे भी उपस्थित रहीं। राजे की गतिविधियां शुरू से ही भाजपा में चर्चा का विषय रही हैं। 25 सितंबर को भी जब पीएम मोदी जयपुर के निकट दादिया में आए तो इससे एक दिन पहले 24 सितंबर को राजे ने अपने सरकारी निवास पर प्रदेश भर की महिलाओं का जमावड़ा किया। इसे भी राजे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया। 27 सितंबर की बैठक में भले ही राजे उपस्थित रही हों, लेकिन उन्हें बैठक में कोई खास महत्व नहीं दिया। सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सभी को अनुशासन में रहकर पार्टी के दिशा निर्देशों की पालना करनी चाहिए। बैठक में जो व्यवस्था की गई उसमें राजे को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बीच वाली कुर्सी पर बैठना पड़ा। राजे के चेहरे से ही प्रतीत हो रहा था कि बैठक में अपनी मौजूदगी से संतुष्ट नहीं है। बैठक के बाद राजे ने मीडिया से भी कोई संवाद नहीं किया। पीएम मोदी ने 25 सितंबर को ही एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव में भाजपा की पहचान कमल का फूल ही होगी। अमित शाह और जेपी नड्डा ने रात्रि विश्राम जयपुर में ही किया। 28 सितंबर को सुबह इन दोनों नेताओं ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को बुलाकर कोई एक घंटे तक बात की। इस बात को भी राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री शेखावत उत्साह में नजर आए और उन्होंने मीडिया कर्मियों से संवाद करते हुए कहा कि विधानसभा का चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। देखना होगा कि आने वाले दिनों में वसुंधरा राजे का क्या एक्शन रहता है। 28 सितंबर को दोपहर को अमित शाह और जेपी नड्डा विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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