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बीकानेर,राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय का शिलान्यास हो गया है. उसके बाद अब टिकट के लिए दौड़ शुरू हो गई है. कांग्रेस में उन सभी बड़े नेताओं का राजस्थान दौरा हो चुका है जो टिकट देने की भूमिका में है.

इस बार टिकट के लिए कई सर्वे हो चुके हैं. उसके बाद अब नेताओं के फैसले पर सब कुछ टिका है. इस बार के चुनाव में कांग्रेस में सबकुछ ‘आलाकमान’ पर छोड़ दिया गया है. हालांकि, ब्लॉक लेवल पर प्रत्याशियों से आवेदन लिए गए हैं.

इससे हर सीट पर आवेदन के हिसाब से टिकट मांगने वालों की संख्या बहुत है. जयपुर के चौमूं और बगरू विधान सभा सीट पर सबसे अधिक आवेदक हैं. चौमूं सीट पर तो 100 से अधिक आवेदक हैं. सूत्रों का कहना है कि चौमूं सीट पर टिकट आमेर और शाहपुरा सीट से तय होता है. उधर जिसे टिकट मिलेगा उस जाति के हिसाब से चौमूं में टिकट दिया जाएगा.

अक्टूबर का पहला सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण

राजस्थान की राजनीति में अक्टूबर का पहला सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि, सितम्बर तक सभी सीटों के सर्वे हो चुके हैं. अब टिकट देने की बारी है. इसके लिए सभी दल चुनाव की गंभीरता को देखते हुए टिकट पर मुहर लगाने की तैयारी में है. इसके पीछे जो सबसे बड़ी परेशानी बन रही है हर दिन नए दावेदार का सामने आना. कांग्रेस में अब दावेदारी के बाद ‘टिकट परिक्रमा शुरू हो गई है. इसके लिए प्रभारी और सहप्रभारी के चक्कर लगाए जा रहे हैं. सर्वे के बाद सब अपना नाम लिस्ट में टटोल रहे हैं. इसलिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रत्याशियों के 50 सीटों की लिस्ट आ सकती है.

दो महीने पहले मिलेगा टिकट

सीएम अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले ही कह दिया था कि इस बार दो महीने पहले ही टिकट घोषित होंगे. उस हिसाब से अब सभी अपनी दावेदारी का जोर लगा रहे हैं. दावेदारों की माने तो उन्हें अपने क्षेत्र में काम करने के लिए समय भी चाहिए. इसलिए समय पर ही टिकट मिले तो बढ़िया रहेगा. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में कई के नाम फाइनल होकर चल रहे है. पोस्टर और बैनर से शहर और गांव पटे हुए हैं.

सेन्ट्रल इलेक्शन कमेटी करेगी तय

राजस्थान कांग्रेस के प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी का कहना है कि टिकट सेन्ट्रल इलेक्शन कमेटी से फाइनल होगा. यहां से सबकुछ जा चुका है.

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