बीकानेर,जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से पर्यटन विभाग के लाइसेंस टूरिस्ट्स गाइड ने आज बुधवार दोपहर 12:00 से लेकर शाम 4 बजे तक शहीद स्मारक जयपुर पर धरना प्रदर्शन दिया।*
रवि शंकर धाभाई ने आगे बताया कि आज एक प्रतिमण्डल मुख्यमंत्री कार्यलय के जॉइन्ट सेक्रेटरी श्रीमान ललित किशोर से मुलाकात की और उनको समस्त समस्याओं के बारे में अवगत कराया। प्रतिमण्डल में टुरिस्ट गाइड्स यूनियन के अध्यक्ष दारा सिंह गुर्जर, विजय सिंह , समाजसेवी रवि शंकर धाभाई एवम अन्य साथीगण मौजूद थे। दारा सिंह गुर्जर ने बताया कि उन्होनें कई बार अशोक गहलोत मुख्यमंत्री , राजस्थान सरकार को राजस्थान प्रदेश समस्त स्टेट एवं लोकल गाइडों को कार्मिक विभाग में शामिल करने एवं मासिक वेतन देने हेतु निवेदन कर चुके है क्योंकि बजट घोषणा 2021-22 में 1000 राजस्थान स्टेट लेवल एवं * 5000 लोकल लेवल पर्यटक गाइडों के पद सर्जित किये गये थे । यह भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण हो चूकी है ।*
*रवि शंकर धाभाई ने बताया की लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड्स की निम्न मांगे है : 1. वर्ष 2021-22 में चयनित सभी राजस्थान स्टेट एवं लोकल 6000 गाइडों व सभी पुराने गाइडों को कार्मिक विभाग में शामिल कर नियमित मासिक वेतन दिया जायें । 2. पर्यटक गाइडों को वर्ष में मात्र 4 महिने ही रोजगार मिल पाता है वह भी कुछ जिलों में उपलब्ध होता है । बाकि जिलों में गाइडों को वर्ष भर रोजगार नही मिल ही पाता । 3. सरकार द्वारा पर्यटक गाइडों से शपथ – पत्र लिया गया जिसके तहत गाइड किसी भी सरकारी और निजी क्षेत्र में कार्य नहीं कर सकते । 4. राजस्थान पर्यटन विभाग के समस्त लाईसेंसधारी गाइडों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन स्कीम लागू की जावें । 5. राजस्थान पर्यटक गाइडों को आरजीएचएस एवं निःशुल्क परिवहन सेवा प्रदान की जावें । 6. सरकार द्वारा प्रत्येक गाइड के लिए सभी स्मारकों पर रोस्टर प्रणाली लागू कर समान काम सुनिश्चित किया जावें । 7. राजस्थान पर्यटक गाइड की अकारणवश दुर्घटना मृत्यु हो जाने पर दुर्घटना बीमा स्कीम लागू की जावें एवं उसके परिवार को अनुकंपा के तहत नौकरी दी जावें । 8. सभी ट्रेवल एजेंसीयों को पाबंद किया जावें कि वे राज्य सरकार के पर्यटक केन्द्र से ही गाइड लेवें ताकि गाइडों को काम करने का बराबर अवसर मिल सकें । 9. राजस्थान पर्यटक गाइडों को व्यावसायिक क्षेत्र में ना देकर सभी लाईसेंसधारी गाइडों को स्थायी कर सरकारी कार्मिक विभाग की निगरानी में पर्यटकों अपनी मनमानी तरीके से लुटने से वंचित की जावें ।