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बीकानेर,खेमराज समिति के गठन एवं राज्य सरकार द्वारा वार्ता के लिए भेजे गए आमंत्रण पत्र की अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने होली जलाकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया । महासंघ के जिला अध्यक्ष पृथ्वीराज लेघा ने बताया कि सरकार कर्मचारियों के साथ विश्वासघात करने के लिए कभी मंत्रिमंडलीय समिति बनाती है तो कभी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों की अध्यक्षता में समितियों का गठन करती है हम इन समितियों के खेल का पुरजोर विरोध करते हैं ।वर्तमान सरकार ने पूर्व में गठित डीसी सामंत समिति की रिपोर्ट तो आज तक सार्वजनिक नहीं की एवं एक नवीन समिति बनाकर कर्मचारियों में भ्रम की स्थितियां पैदा कर रही है ।जिला मंत्री देवराज जोशी ने बताया कि सरकार को महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र पर बैठकर द्विपक्षीय वार्ता से मांगों का हल निकालना चाहिए ।सरकार के समितियों के गठन के खेल एवं निर्देशों से कर्मचारियों के साथ पूर्व के लिखित समझौतों की अवहेलना एवं इस चाल का महासंघ कड़ा विरोध करता है। राज्य सरकार एवं महासंघ में विगत 30 वर्षों से यह लिखित समझौता है कि राज्य सरकार राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन भत्ते स्वीकृत करेगी एवं यदि किसी संवर्ग को केंद्र से ज्यादा मिल रहा है तो उसे यथावत रखा जाएगा ।महासंघ सरकार से अपील करता है कि वह महासंघ से पूर्व के लिखित समझौतों पर कायम रहे नहीं तो सरकार को कड़े संघर्ष एवं विरोध का सामना करना पड़ेगा ।संयुक्त महासंघ पूर्व के समझौतों की पालना के लिए आर पार का संघर्ष करेगा ।जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन दान चारण ने बताया कि राज्य सरकार की वित्तीय कुठाराघात से प्रदेश के लाखों शिक्षक, अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक कर्मचारियों व सहायक कर्मचारियों पर वेतन कटौती के कारण करोड़ों रुपए की वसूली की तलवार तलवार लटकी हुई है ।आजादी के बाद यह प्रथम बार हुआ है जिसमें कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण कर उनकी जेब काटी जा रही है। जिला कोषाध्यक्ष देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि राज्य सरकार दबाव में विभिन्न विभागों में स्वीकृत पदों को नहीं भर रही है तथा धीरे-धीरे स्वीकृत पद समाप्त कर सार्वजनिक क्षेत्र को हानि पहुंचाई जा रही है एवं निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है जो राज्य की जनता ,शिक्षक, प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ घोर अन्याय है संविदा कार्मिकों के जिला अध्यक्ष धीरज पारीक ने राज्य में संविदा, समेकित वेतन, मानदेय, ठेका प्रथा ,लोक जुंबिश कार्मिक, पैराटीचर ,शिक्षाकर्मी आदि कार्मिकों के शोषण की पराकाष्ठा हो रही है जिससे राज्य में आर्थिक एवं सामाजिक ताना-बाना कमजोर हो रहा है। उपाध्यक्ष राम लाल सुथार ने कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदेश के 33 जिला मुख्यालयों पर महासंघ के संबंध संगठनों के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए समिति गठन के आदेशों की तथा महासंघ को दिए गए आमंत्रण पत्र की होली जलाकर कड़ा विरोध दर्ज करवाया ।ग्राम विकास अधिकारी लक्ष्मी नारायण प्रजापत ने राज्य के कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करते हुए केंद्रीय वेतनमान के समान वेतन भत्ते लागू करने तथा शेड्यूल 5 में की गई कटौती बहाल करने की मांग की साथ ही सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजी करण, पीपीपी मॉडल आधारित व्यवस्थाओं को समाप्त करने की मांग की ।इस अवसर पर कर्मचारी नेता चांद रतन सोलंकी महेंद्र भंवरिया, रामनिवास रोकना, गजानंद मेहरा, भंवर लाल गोयल, शक्ति सिंह, रविंद्र बालेचा, सरवन सिंह, के के शर्मा, अरिहंत सुराणा, विक्रम प्रजापत, योगेश श्रीमाली, चेतन सिंह रावत, दामोदर भाटी ,निजामुद्दीन सहित अनेक कर्मचारी नेता उपस्थित थे पृथ्वीराज लेघा जिला अध्यक्ष अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ बीकानेर

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