बीकानेर,केरियर प्रर्दशनी के दूसरे दिन चला वार्ता का दौर जिसमें साहित्य में रोजगार की संभावाना के लिए प्रातः राजस्थानी के व्याख्याता अशोक कुमार व्यास ने बताया की साहित्य में रोजगार की अपार संभावनाएं है आप किसी भी भाषा में महारत हासिल करके रोजगार एवं स्व रोजगार प्राप्त कर सकते है उन्होने ने बताया की साहित्य विषय को पढ़कर समझकर आप अनुवादक, प्रूफरीडर,एडिटर,स्क्रीप्ट राइटर बनकर के स्व रोजगार प्राप्त कर सकते है और सरकारी नौकरियों की भी अपार संभावनाएं है वार्ता के इस दौर में यू.इ.बी.के प्रतिनिधि नगेन्द्र किराड़ू ने बताया की समर्पण भाव अनुशासन और जूजने की क्षमता अगर किसी में है तो वह किसी भी परीक्षा में सफल हो सकता उन्होंने बताया कि जिसके हाथ में हो हुनर वह भुखा न सोयेगा नर उक्ति का जिकर करते हुए कहा की हमें सकारात्मक सोच के साथ कार्य करना पड़ेगा तो सफलता आपके अवश्य कदम चुमेगी. पेन के बिना गेन नही होता इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशान्त बिस्सा ने बताया की कैरियर वार्ताओं से हमें क्या करना चाहिये कब करना चाहिये और कैसे करना चाहिये इसकी पूरी जानकारी हमें प्राप्त होती है। साथ ही छात्र/छात्राओं की अनेक समस्याओं का समाधान भी प्राप्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि कैरियर वार्ताएं एवं कैरियर प्रदर्शनी महाविद्यालय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
महाविद्यालय के व्याख्ता डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने कहा की रोजगार एवं स्वरोजगार प्राप्त करने के लिए लगन एवं एकाग्रता की आवश्यकता होती है उन्होने अनेक ऐसे उदाहरण दिए कि जिनसे लोगों ने अपनी क्षमता के बल पर रोजगार और स्वरोजगार तो प्राप्त किया । इस अवसर पर महाविद्यालय के कम्प्यूटर व्याख्याता राजेश पुरोहित ने कम्प्यूटर के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान समय कम्प्यूटर का है। सोशल मीडिया का है। इसमें आप पांरगत होकर रोजगार एवं स्वरोजगार दोनों प्राप्त कर सकते है। कार्यक्रम संचालन डॉ. समीक्षा व्यास ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय व्याख्याता डॉ. मनीषा गांधी,सुश्री हेमा पारीक,श्रीमती सुलोचना ओझा,श्री खुशाल पुरोहित,डॉ. रश्मि आचार्य,श्रीमती प्रेरणा,डॉ.पूनम वाधवानी आदि उपस्थित रहे।