बीकानेर,गहलोत सरकार पशु चिकित्सकों के साथ वादाखिलाफी कर रही है। एनपीए (नॉन प्रेक्टिस अलाउंस) सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर पशु चिकित्सक सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले के सभी पशु चिकित्सक पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय परिसर मेें धरना लगाकर बैठे हैं और सरकार की उदासीनता पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
दरअसल, पिछले वर्ष भी प्रदेश भर के पशु चिकित्सकों ने आमरण अनशन किया था, उस दौरान पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने आश्वासन दिया था लेकिन एक वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पशु चिकित्सकों को एनपीए नहीं दिया गया है। जबकि पशु चिकित्सक अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार पशु चिकित्सकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार के उपेक्षात्मक रवैये के चलते अब पशु चिकित्सकों ने सामूहिक अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया है।
वेटरनरी डॉक्टर्स एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेश महासचिव डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार ने बताया कि एसोसिशन और पशु चिकित्सक संघ के संयुक्त आह्वान पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर जाकर सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार व आक्रोश प्रदर्शन किया जा रहा है। अगर सरकार इस पर भी ध्यान नहीं देती है तो 18 सितम्बर से पशुपालन विभाग के प्रत्येक अधिकारी वर्ग की ओर से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश व पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा। धरने पर डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार, डॉ. कमल व्यास, डॉ. राजेश हर्ष, डॉ. भीमाराम बायल, गोशाला संघ बीकानेर अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराणा सहित कई पशु चिकित्सक, कामधेनु योजना लाभार्थी मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि सर्वोत्तम न्यायालय और दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा पशु चिकित्सकों की मानव चिकित्सकों के समकक्ष वेतन व भत्तों के लिए समकक्षता भी स्थापित की गई है। इसके बावजूद प्रदेश की सरकार पशु चिकित्सकों को एनपीए का लाभ नहीं दे रही है।