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बीकानेर,बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में इंजिनियर्स दिवस के अवसर पर स्टुडेंट इंडक्शन प्रोग्राम और विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन हुआ। जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि कुलपति प्रो.अंबरीश शरण विधार्थी ने अपने संदेश में कहा कि स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम संस्थान में आते ही नए छात्रों से जुड़ जाता है; नियमित कक्षाएं शुरू होने से पहले. प्रेरना की शुरुआत में, पदधारी संस्थागत नीतियों, प्रक्रियाओं, प्रथाओं, संस्कृति और मूल्यों के बारे में सीखते हैं और उनके सलाहकार समूह बनते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को नए वातावरण में सहज महसूस करने और कॉलेज के रीति-रिवाजों और प्रथाओं के साथ तालमेल बिठाने में मदद करना है। इंजीनियर दिवस के अवसर पर डॉ हरीश पंत ( निकाय कोसमोस के निदेशक) जो कि बिजनेस के विभाग में भारत को पूरे विश्व के सामने गर्व से प्रदर्शित करते है। उन्होंने छात्रों को बिजनेस के क्षेत्र में कैसे तकनीक का उपयोग करना है के गुर से छात्रों को समझाया कि कैसे अलग-अलग तकनीक को मिलाकर ‘चौकस अलग-अलग निवेश करना है। तथा छात्रों को फैशन, किताबें, पैसों की देखभाल, नये नये विचार स्वच्छता इन सब पर कार्य करने की सीख दी। प्रस्तावना कार्यक्रम में ही डॉ. हरीश पंत जो कि वर्तमान में एक बिजनेसमेन की भाँति कार्य कर रहे है। उन्होंने विद्यार्थियों को टीम स्पिरिट के बारे में बहुत रोचक जानकारी दी। डॉ. पंत ने विद्यार्थियों को 1 व्यापार करने का एक रोचक क्रियाकलाप कराया। डॉ. पंत ने विद्यार्थियों को समूह में कार्य करने की सिख दी, मदन सियाग कार्यक्रम संचालक ने उनका स्वागतकीय तथा उनके द्वारा बताए गए सुझावों पर विद्यार्थियो को अमल करने को कहा। ज्ञान ओर छात्रों के मनोबल में वृद्धि के लिये प्रेम पुरोहित भी अपने कीमती वक्त से समय निकाल कर आये, उन्होंने छात्रों को किताबों से जुड़े रहने की सीमा की 1 एवं T की महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसके साथ ही डा. दीपक बंसल ने बच्चों EVM मशीन कैसे काम अंतरिक्ष तथा चंद्रयान 3 को मतदान के प्रति जागरुक किया एवं करती है इसका क्रियाकलाप कराया गया। सभी मेहमानों का रीति रिवाजों से स्वागत हुआ और उन्हें धन्यवाद दिया। डॉ. अनु शर्मा , महेश मेहरा ने पूरे व्यवस्था का कार्य भार संभाला। इस कार्यकम के दौरान देशनोक करनी माता मंदिर का भ्रमण भी किया गया। शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से छात्रों में एक अनुभूति जागृत होती है, जिससे वे भारत की विभिन्नताओं जैसे – इतिहास , विज्ञान शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान सकते है। डॉ. गायत्री शर्मा, डा प्रीति पारीक, जय भास्कर ने इतिहास और संस्कृति से विद्यार्थियो को अवगत कराया।

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