बीकानेर.कांग्रेस से जुड़े बीकानेर अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वन टू वन संवाद किया. बीकानेर जिले की सातों विधानसभा सीटों के प्रमुख कांग्रेसी नेताओं के साथ मुख्यमंत्री की यह चर्चा करीब 2 घंटे तक चली. इस दौरान बैठक में मौजूद नेताओं ने खुलकर अपनी बात कही.
मांगों को लेकर की बात : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, कैबिनेट मंत्री गोविंद मेघवाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत भी इस दौरान मौजूद रहे. वहीं यूआईटी चेयरमैन मकसूद अहमद, हाजी सलीम सोढ़ा, अब्दुल मजीद खोखर, डॉ तनवीर मालावत, बाबू गुलाम मुस्तफा, यूथ कांग्रेस नेता शब्बीर अहमद, पार्षद रमजान कच्छावा सहित 100 के करीब सातों विधानसभा के प्रमुख बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान बीकानेर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अल्पसंख्यक वर्ग को स्कूल कॉलेज के लिए रियायती दर पर भूमि का आवंटन करने के साथ ही खाजूवाला छतरगढ़ को बीकानेर जिले में ही शामिल रखना की भी मांग की गई.
राजनीतिक उपेक्षा का भी उठा : इस दौरान अल्पसंख्यक नेताओं ने मुख्यमंत्री गहलोत के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिले की सात में से चार विधानसभा सीटों पर अल्पसंख्यक वर्ग निर्णायक भूमिका में है. सातों सीटों पर पार्टी के साथ चुनाव के वक्त रहता है बावजूद इसके सरकार की ओर से की गई राजनीतिक नियुक्तियां और प्रतिनिधित्व में अल्पसंख्यक वर्ग की उपेक्षा की गई. इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में एक सीट पर अल्पसंख्यक वर्ग को देने की भी मांग की गई.
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन : इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी और सरकार के स्तर पर रही कमी को जल्द ही दूर करने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही अधिकतर मांगों पर जल्द ही कार्रवाई करने की बात भी कही. इसके अलावे टिकट के मुद्दे पर भी गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया.
नदीम जावेद की रही भूमिका : जानकारी के मुताबिक करीब चार-पांच दिन पहले बीकानेर के दौरे पर आए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव नदीम जावेद के बीकानेर दौरे के दौरान अल्पसंख्यक वर्ग की नाराजगी का मुद्दा उठाया. उसके बाद नदीम जावेद ने आलाकमान के स्तर पर इस बात को उठाया और मुख्यमंत्री तक भी बात पहुंचाई. जिसके बाद मुख्यमंत्री के साथ बीकानेर जिले के अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं की ये बैठक हुई. इसमें खुद नदीम जावेद भी मौजूद रहे और जिले की अल्पसंख्यक नेताओं की मांगों की मुख्यमंत्री के सामने पैरवी की.