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बीकानेर,अतिरिक्त कलक्टर जगदीश प्रसाद गौड एवं उद्योगपति के.एल.बोथरा ने गुरुवार को भल्ला फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा रामदेवरा मेले में सेवादारो के पहले जत्थे और लंगर सामग्री को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर गौड ने कहा कि भल्ला फाउण्डेशन द्वारा पिछले चार दशक से अधिक समय से मेले के दौरान सेवा कार्य किए जा रहे हैं, यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि रुणिचा में भरने वाला बाबा रामदेव का मेला साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। यहां हर जाति और सम्प्रदाय के लोग पूरी श्रद्धा-आस्था के साथ पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मेले, उत्सव और त्यौहार व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करते हैं। उत्तर भारत में लोक देवता रामदेवजी के भरने वाले इस मेले का पूरे उत्साह और उमंग के साथ आनंद लिया जाए।
के. एल. बोथरा ने कहा कि मेले और त्योहार हमारी सांस्कृतिक एकता को और अधिक सुदृढ़ करते हैं। वर्तमान समय में इनकी अधिक प्रासंगिकता है। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान बीकानेर की अनेक संस्थाएं सेवा भाव के साथ जुटती हैं। भल्ला फाउंडेशन द्वारा इस परंपरा का निर्वहन बखूबी किया जा रहा है।
ने कहा कि रुणिचा का मेला पूरे देश में विशेष पहचान रखता है। यहां देश के कौने-कौने से जातरु आते हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर से गुजरने वाले मेलार्थियों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो, इसके मद्देनजर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई है। उन्होंने आह्वान किया कि पैदल यात्री भी प्रशासनिक व्यवस्थाओं और नियमों की पालना करें।
भल्ला फाउण्डेशन के व्यवस्थापक हीरालाल हर्ष ने कहा कि संस्थान द्वारा पिछले 43 वर्षों से सेवा कार्य अनवरत किए जा रहे हैं। इस दौरान प्रतिदिन हजारों जातरुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है।
संस्था के सचिव राजेन्द्र जोशी ने बताया कि शुक्रवार से 26 सितम्बर तक रुणिचा में जातरुओं के लिए भोजन की व्यवस्था रहेगी। वहीं दर्शन के लिए पंक्ति में खड़े जातरुओं को पेयजल की सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी।
ने मेले की व्यवस्थाओं से जुड़े अनुभव सांझा किए।
भल्ला फाउण्डेशन के अध्यक्ष तोलाराम पेड़ीवाल एवं लंगर प्रधान सोहनलाल सेठी एवं एन.डी.रंगा ने आगंतुकों का आभार जताया। इस दौरान संस्था संरक्षक गोपाल दास डागा ,मोहन लाल राठी ,चन्द्रशेखर जोशी, मदनमोहन व्यास,पूर्व पार्षद हजारी देवड़ा, जन्मेजय व्यास, सुभाष जोशी, पारस सेठी, बृजगोपाल जोशी, राजाराम स्वर्णकार, नारायणदास रंगा, एडवोकेट महेंद्र जैन,
बिंदुप्रसाद रंगा, अनिल जोशी मौजूद रहे।

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