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बीकानेर, डेंगू और मलेरिया की आशंकित लहर को रोकने हेतु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन नवीन प्रयास जारी है। इसी क्रम में संयुक्त निदेशक स्तर से जिले के समस्त चिकित्सकों, ब्लॉक सीएमओ तथा ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधकों को मलेरिया व डेंगू के नियंत्रण संबंधी गहन प्रशिक्षण दिया गया। मच्छरों के प्रकार व मच्छरों के जीवन चक्र से लेकर एंटी लारवा गतिविधियों, एंटी एडल्ट गतिविधियों, फील्ड सर्वे, ब्लड स्लाइड कलेक्शन, रक्त जांच, उपचार प्रोटोकॉल, रिपोर्टिंग के फॉर्मेट, प्रत्येक स्तर से होने वाली गतिविधियों, लक्ष्यों तथा अपेक्षाओं पर चर्चा की गई। पूरे दिन चले मैराथन प्रशिक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक बीकानेर जोन डॉ देवेंद्र चौधरी ने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वह ओपीडी के बाद मलेरिया डेंगू नियंत्रण के लिए खुद फील्ड में उतर जाए। प्रतिदिन विद्यालय व चौपाल पर बुखार रोगियों को लेकर चर्चा करें और पता करें कि कहीं किसी गांव में अचानक बुखार के रोगी तो नहीं बढ़ रहे हैं ? ऐसा होने पर वहां सर्वे की गतिविधि करवाते हुए एक्टिव ब्लड स्लाइड संग्रहण करावे, अन्यथा मच्छर जनित रोगों के फैलाव होने के बाद इसका नियंत्रण और कठिन हो जाएगा। डॉ चौधरी ने बताया कि बीकानेर एक शुष्क प्रदेश है यहां वर्षा कम होती रही है इस कारण जल संग्रहित रखने के लिए हर घर में बड़े-बड़े कुंड व टांके बने हुए हैं। अतः यह क्षेत्र मलेरिया डेंगू के फैलाव हेतु सबसे उपयुक्त है। ऐसे में आमजन को जागरुक करते हुए मलेरिया के विरुद्ध मिशन मोड पर कार्य करें। डॉ चौधरी ने निर्देश दिए कि सभी अस्पताल प्रभारी अपने अस्पताल के स्टोर का नियमित निरीक्षण करें, स्टोर में प्रचार प्रसार की आईईसी सामग्री, दवाएं, उपकरण या अन्य सामग्री बेकार पड़ी ना मिले, सभी का यथोचित उपयोग व निस्तारण कर 7 दिवस में रिपोर्ट भिजवाना सुनिश्चित करें। डॉ नवल किशोर गुप्ता ने गंबूसिया, मलेरिया लार्वीसाइड ऑयल, टेमीफ़ोस, पायरेथ्रम, फास्ट कार्ड, अगरबत्ती आदि के प्रोटोकॉल अनुसार उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया तथा निशुल्क दवा योजना की प्रगति समीक्षा की। डीटीओ डॉ चंद्रशेखर मोदी ने मलेरिया डेंगू पॉजीटिव आने पर रोगी के घर पर की जाने वाली नॉक डाउन एक्टिविटी की जानकारी दी। आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने सघन मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान व मातृ शिशु स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।

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