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बीकानेर,भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को लेकर अब तक जो भी व्यवहार किया वो राजस्थान में भाजपा के पक्ष में ही गया है। राजे को खूब छकाया। उनके समर्थकों और जनता की भावनाओं की जमकर परीक्षा ली। राजस्थान भाजपा में राजे के प्रति जनता के विश्वास को परखा। केंद्रीय नेतृत्व तक यह बात विभिन्न मंचों, मीडिया और राजे समर्थकों की ओर से साबित करने की कोशिश की गई कि बिना राजे के राजस्थान में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में कोई नेता नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व भी राजे के राजनीतिक करिश्में को बखूबी जानता ही है। देव दर्शन यात्रा के मायने और राजनीतिक असर भी दिखाई दे ही रहा है। राजे और केंद्रीय नेतृत्व के बीच की गुत्थी कितनी सुलझी है यह इतर बात है। राजे फॉर्म में लौट आई है। राजस्थान में भाजपा की संकल्प परिवर्तन यात्रा में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नढ्ढा , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सान्निध्य में शुरू की गई चारों यात्राओ में राजे को केंद्रीय नेताओं की ओर से महत्व देने और उनकी उपस्थिति से जनता ने तो मान लिया है कि राजे सर्व स्वीकार्य है। राजे के समर्थक भी आश्वस्त दिखाई देने लगे हैं। राजे राजस्थान में राजनीति भूमिका को साबित करने अब और क्या बाकी रह गया है। केंद्रीय नेताओं के साथ राजे घुली मिली लगी। इन नेताओं ने भी राजे की प्रशंसा की यानि उनके राजनीतिक अस्तित्व को माना। पार्टी में विरोधी चाहे कुछ भी कहते फिरें। राजे ने खुद के भाजपा में होने को साबित किया है। यह सच है कि राजे के कद का राजस्थान भाजपा में कोई नेता नहीं है। राजे का प्रदेश भाजपा कार्यालय में स्वागत भी एक संकेत है। जानने वाले जान गए हैं।

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