बीकानेर संभाग मुख्यालय की दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की लंबी सूची है। इनमें से अधिकांश टिकट के दावेदार चुनाव के आते ही प्रकट हुए हैं। ये जनता के बीच कभी नहीं रहे हैं। जनता के दुख दर्द और जनहित के मुद्दों से इनका कोई सरोकार नहीं है। न ही जिस भी राजनीतिक दल में है उनकी नीतियों और कार्य योजनाओं से इनका लेना देना है। फिर भी वे येनकेन प्रकारेण विधायक बनाना चाहते है। टिकट पाने की जोड़ तोड़ में लगे हुए हैं। कांग्रेस में बीकानेर पश्चिम सीट पर पार्टी की ओर से मांगे गए आवेदन में डा. बी. डी. कल्ला समेत 21 लोगों ने पार्टी से टिकट देने का आग्रह किया है। इसमें राज कुमार किराडू, डा. राजू व्यास, गुलाम मुस्तफा, अरुण व्यास, लोकेश शर्मा भी शामिल है। इनमें राज कुमार किराडू, गुलाम मुस्तफा जैसे कुछेक लोगों को छोड़कर अधिकांश टिकट के दावेदार चुनावी मौसम के साथ ही प्रकट हुए हैं। इनका राजनीति में कोई मजबूत धरातल नहीं है। वैसे डा. बी.डी. कल्ला के सामने सभी दावेदार बोने लगते हैं। वे खुद कहते हैं उनके सामने मैदान खाली पड़ा है। इसी विधानसभा सीट पर भाजपा के भी कमोबेश इतने ही दावेदार है। जेठानंद व्यास, गोकुल जोशी, महावीर रांका, जैसे लोगों ने जनता के बीच भाजपा से चुनाव लडने की अभिव्यक्ति दी है। हालांकि बीजेपी ने दावेदारी मांगी नहीं है फिर भी भाजपा के लोगों चुनाव लडने की इच्छा जाहिर करने वाले लोगों की तादाद करीब दाई में है। भाजपा में जो दावेदार है उनका भले ही पार्टी कार्यक्रमों में सक्रियता हो, परंतु जनता के बीच पहचान और पैठ नहीं है जो दावेदार सामने आ रहे हैं वैसे तो वो कुछेक को छोड़कर पार्षद का चुनाव नहीं लड़े हैं। ऐसे दावेदारों की कहीं नामजदगी नहीं है इसलिए नाम उजागर करने का कोई आधार नहीं है। बीकानेर पूर्व से कांग्रेस पार्टी के 38 लोगों ने टिकट चाही है। इसमें बल्लभ कोचर भी शामिल है। मकसूद अहमद, यशपाल गहलोत, गजेंद्र सिंह सांखला, बाबू जय शंकर, रिध्द करण सेठिया, अरविंद मिढ्ढा, सुमित कोचर, सुनीता गौड़ समेत अन्य लोग है। कोन धरातल का नेता है और कोन चुनाव के मौके पर प्रकट हुए हैं जनता की नजरों में है। कई नेताओं ने चुनाव के मद्देनजर होर्डिंग और पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। एक अखबार के सर्वे में बीकानेर पूर्व की सीट पर कांग्रेस से गजेंद्र सिंह सांखला को 40 प्रतिशत और बाबू जय शंकर को 33 प्रतिशत मत मिले हैं। बाकी दावेदार फिसड्डी है। इसी सीट पर भाजपा से सिद्धी कुमार तीसरी बार विधायक है। भाजपा में इस सीट पर चुनाव लडने की सार्वजनिक तौर पर इच्छा जाहिर करने वालों में दिलीप पूरी, सुरेंद्र सिंह शेखावत, मोहन सुराणा, अखिलेश प्रताप सिंह के नाम हैं और भी लोग होंगे परंतु उनका एक्सप्रेसन ऑफ इंट्रेस्ट सामने नहीं आया है। दोनों पार्टियों में उम्मीदवारों की लंबी कतारें है। वास्तव में जन नेता कितने हैं जनता जांच लें। विधायक बनना कोई प्रतिष्ठा पाना ही नहीं है। जनता के खातिर जीना होता है तभी कोई विधायक बन सकता है। केवल दावेदारी से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
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