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बीकानेर,कोई राजनीति करें और उसके आलोचक नहीं हो ऐसा हो ही नहीं सकता। राजनीति क्यों सार्वजनिक जीवन बिताने वाले हर व्यक्ति की आलोचक होते ही हैं। आलोचना कितनी सही है यह बात दीगर है। अर्जुन राम मेघवाल की उनकी ही पार्टी में उनकी ही जाति के दिग्गज नेता आलोचना करते हैं, भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। इसके पीछे क्या कारण है? जरा सोचने वाली बात है। अर्जुन राम निहायत साधारण परिवार से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। वे वास्तव में आम जन के प्रतिनिधि है। आम जन का कितना भला कर पा रहे हैं यह बात दीगर है। वे जब से राजनीति में आए हैं अपनी निष्ठा, लगन और समर्पण से लगातार आगे बढ़ रहे हैं। राजनीति में उनके प्रतिद्धधियों को यह बात पच नहीं रही है। मेघवाल ने अपने बूते से जो वो कर सकते हैं भाजपा और केंद्र सरकार में काम किया और कर रहे है। यह बात सही है कि उनमें राजनीतिक स्किल की कमी है और इर्द गिर्द के लोगों के इक्यूपमेंट बन जाते हैं। फिर भी नियतन वे बुरे नहीं हैं। एक व्यक्ति का अपना व्यवहार होता है जिसमें कमियां और अच्छाइयां दोनों होती है। भाजपा नेता कैलाश मेघवाल और कांग्रेस से मंत्री गोविंद मेघवाल जो अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ कह रहे हैं वो पूरी तरह सच नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित है। अर्जुन राम को भाजपा ने अनुसूचित जाति का नेता बनाकर कद बढ़ाया है ताकि अनुसूचित जाति के वोटों का भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण हो सकें। कैलाश मेघवाल के आरोपों और कांग्रेस के मंत्री गोविंद मेघवाल की तरफ से इसे मुद्दा बनाने से वे अनुसूचित जाति के वोटों को कितना बटोर सकते हैं यह तो समय ही बताएगा। अर्जुन राम की उनके लोगस्भा क्षेत्र में खूब आलोचना हो रही है। पार्टी में भी वे निशाने पर है। मेघवाल समाज में उनके खिलाफ एक धड़ा है। यह सब परिस्थितिजन्य है। उनकी जो यह आलोचना हो रही है और आरोप लग रहे हैं ये आरोप उनके वास्तविक राजनीतिक जीवन का सच नहीं है। वे मन से देश और समाज के हित में समर्पित होकर राजनीति कर रहे हैं। यह बात सच है। उनकी कमियों और व्यवहार के छूटपन को भी कोई नकार नहीं सकता। इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीति और समाज में उनके योगदान का सम्मान नहीं किया जाए।

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