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बीकानेर,विधानसभा चुनावों का मौसम आ गया है,आज ये ताजा तस्वीर दिखाते हुए आपसे बहुत ही विनम्रता से कहना चाहते हैं,चुनावो एवं नेताओं के पेटे आपस में संबंध खराब मत करना। पार्टी के लिए अपने अपने नेता के लिए जमकर तर्क वितर्क वाद विवाद करना,बस इतना ध्यान रखना आपस में व्यक्तिगत टिप्पणी एक दुसरे के साथ गाली गलौज वाली भाषा पर आकर बैर भाव मत पाल लेना। ये सब तो चुनाव जीत हारकर एक जगह बैठ जाएंगे,लेकिन हम लोगों के बीच नफरत की खाई इतनी कर जाएंगे की हम आपस में बोलना तो दुर एक दुसरे के दुख में खड़े होने भी नहीं जाएंगे। लोकतंत्र का पांच साल से आने वाला त्यौहार है,सबको अपनी बात रखने का हक है,आपसी सौहार्द और सद्भावना के साथ लोकतंत्र का आंनद लीजिए।बस जब भी किसी अपने भाई बंधू यार दोस्त से लड़ने तक बात पहुंच जाए तो एक बार इस तस्वीर को देख लेना ओर इस पोस्ट को पढ़ लेना। क्योंकि लोकतंत्र का ये ऐसा पर्व हैँ, तब हीं अपनी महत्वकाछा की पूर्ति हेतु धर्मवाद, जातिवाद,क्षेत्रवाद, भाषावाद तक का सहारा लिया जाता हैँ, हम इस वाद के चक्कर में इतने भावुक हो जाते हैँ कि अपनों से दुश्मनी मोल ले बैठते हैँ, मेरा यहां अपनों से अभिप्राय भाई, बंधु, रिश्तेदार, सगा, प्रसंगी,मित्र,पड़ोसी, मोहल्लेवासी, कार्यस्थल सहपाठी, स्कुल, कॉलेज सहपाठी सामाजिक, स्वयंसेवी संगठनों के सहपाठी सहयोगी ये तमाम हमारे अपने हैँ l क्योंकि मतभेद हो सकते हैँ, मनभेद की नोब्बत मत आने देना l

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