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बीकानेर,कभी घर की चार दीवारी में निर्णय से वंचित रहने वाली महिलाएं अब समाज में निर्णायक भूमिका के लिए तैयार हो रही हैं। बदलाव आया है,तो महिलाओं के संगठित होने से वे और संगठित हुई हैं,स्व-सहायता समूहों के जरिए अब आर्थिक रूप से स्वावलंबन बनने की ओर अग्रसर है। उनके इन प्रयासों में इस प्रकार के मेले सहायक सिद्व हो रहे है। ये उद्गार संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया ने सबला कुटुम्ब की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सबला सतरंगी सावन मेले के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि महिलाओं में कुछ करने की इसी ललक के कारण वे आज परम्परागत रूप से चले आ रहे या खुद के द्वारा स्थापित कुटीर उद्योगों अथवा आधुनिक सुविधाओं के उपयोग को लेकर अपने उत्पाद की मार्केटिंग अच्छी तरह करने में कामयाब हो रही है। आप निरन्तर इसी तरह आगे बढ़े। इस दौरान राजोरिया ने मेले में लगी स्टॉलों का अवलोकन कर उद्यमी महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। इस मौके पर पार्षद सुधा आचार्य,राजकुमारी व्यास सहित अनेक महिलाएं मौजूद रही। आयोजक वीणा आचार्य ने संभागीय आयुक्त को बताया कि सबला कुटुंब महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए मेले में महिला उद्यमियों द्वारा 40 दुकानें सजाई गई। इसमें रेडीमेड गारमेंट्स,किड्स वियर,पार्टी वियर,कैजुअल वेयर सभी तरह के ड्रेस मटेरियल के अलावा आर्ट एंड क्राफ्ट के आइटम,पर्स बैग एसेसरीज ज्वेलरी साडिय़ां,फुटवियर बेकरी, फलाहारी,लड्डू गोपाल के वस्त्र,तीज के सातू,घरेलू डेकोरेटिव समान,चद्दर-पर्दे,फास्ट फूड आदि उत्पाद की दुकानें शामिल है। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें राजस्थानी गीतों पर कलाकरों ने प्रस्तुतियां दी।

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