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बीकानेर, 2030 में विकसित राजस्थान के लक्ष्य के साथ संभागीय आयुक्त बीकानेर उर्मिला राजोरिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य परिदृश्य के लिए विजन डॉक्युमेंट 2030 हेतु सुझाव संकलित किए गए है। 2030 तक चिकित्सा व स्वास्थ्य महकमे का आधारभूत ढांचा, मानव संसाधन, स्वास्थ्य सेवाएं, योजनाएं तथा सर्विस डिलीवरी जैसे मुद्दों पर स्वास्थ्य से संबंधित स्टेकहोल्डर्स के साथ संवाद कर यह संकलन तैयार किया गया। शुक्रवार को सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के काउंसलिंग सभागार में बीकानेर संभाग स्तरीय व जिला स्तरीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश भर में चलाए जा रहे विजन 2030 अभियान के पुनीत उद्देश्यों लक्ष्य व सोच पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने सभी हितधारकों को विकासवादी सोच के साथ अपने सुझाव प्रस्तुत करने का आह्वान किया जिससे समाज के प्रत्येक वर्ग को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके और राजस्थान भारत का नंबर वन राज्य बन सके। सरदार पटेल आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गुंजन सोनी ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिदृश्य में दिनों दिन हो रही प्रगति की चर्चा करते हुए भविष्य का खाका तैयार करने की बात रखी। निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जयपुर से अभियान का जायजा लेने पहुंचे राज्य कार्यक्रम अधिकारी नीपी डॉ प्रदीप चौधरी ने विजन 2030 मिशन की प्रक्रिया, होने वाली आगामी गतिविधियों तथा उसे तैयार होने वाले विजन डॉक्युमेंट की तकनीकी जानकारी देते हुए तय प्रक्रिया में बिंदुवार सुझाव आमंत्रित किए। उपनिदेशक बीकानेर जोन डॉ राहुल देव हर्ष ने देश के संदर्भ में राजस्थान राज्य, बीकानेर संभाग एवं बीकानेर जिले की वर्तमान वस्तु स्थिति से संबंधित पीपीटी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पवार ने जानकारी दी कि राजस्थान स्वास्थ्य परिदृश्य में पहले ही भारत के अग्रणी राज्यों में शुमार है और बीकानेर जिला निशुल्क दवा, निशुल्क जांच, चिरंजीवी योजना व शुद्ध के लिए युद्ध जैसी फ्लैगशिप योजनाओं में पहले से राज्य में अग्रणी स्थान पर कायम है। संवाद में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, आयुर्वेद विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टेकहोल्डर्स ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। बीकानेर सहित श्रीगंगानगर, अनूपगढ़ व हनुमानगढ़ जिले के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। चिकित्सा शिक्षा विभाग से वरिष्ठ आचार्य डॉ संजय कोचर, डॉ रेणु ने, निजी चिकित्सको में डॉ रोचक तातेड व डॉ गौरव गोंबर ने, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से डॉ नवल किशोर गुप्ता ने, अरिस्दा की ओर से डॉ सुनील हर्ष ने, हनुमानगढ़ जिले की ओर से सीएमएचओ हनुमानगढ़ डॉ ओमप्रकाश चाहर, जिला अनूपगढ़ की ओर से सीएमएचओ डॉ नीरज अरोडा, महावीर सिंह चारण, श्री गंगानगर से सीएमएचओ डॉ मनमोहन गुप्ता, आयुर्वेद विभाग से अतिरिक्त निदेशक डॉ घनश्याम रामावत, डॉ तुलसीराम चौधरी, लैब टेक्नीशियन राजकुमार व्यास, फार्मासिस्ट सोम प्रकाश, एएनएम एवं एलएचबी संगठन की ओर से साजिदा बानो, आशा सहयोगिनी की ओर से रेनू बिस्सा आदि ने अपने सुझाव, संबंधित लक्ष्य तथा उन्हें हासिल करने के रोड मेप पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने किया। इस अवसर पर राज्य स्तर से पर्यवेक्षक सहायक निदेशक डॉ मनीष देव शर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ अनुरोध तिवारी, यूएनडीपी के योगेश शर्मा, डीपीएम सुशील कुमार, सांख्यिकी शाखा से सुभाष चौधरी, जुगल किशोर जोशी, चंद्रशेखर व्यास, रुचिका पारीक, डीएनओ मनीष गोस्वामी, सुभाष बिश्नोई, समस्त ब्लॉक सीएमओ, विभिन्न सिविल सोसाइटी सदस्य, एनजीओ प्रतिनिधि तथा प्रबुद्ध जन मौजूद रहे। कार्यशाला के बाद सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा प्रस्तुत सुझावों का संकलन कर राज्य स्तर पर विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार करने हेतु प्रेषित किया गया।

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