बीकानेर,तोलाराम नंदकिशोर चांडक द्वारा 7000 के पौध रतनलाल ङागा द्वारा 5100 के पोध और राजेन्द्र सोनी द्वारा 1500 राशि पौधे गुप्त सहयोग 2100 के पौधे और सत्यनारायण हनुमान प्रसाद सोनी बाबूलाल नारायण सोनी मुलजी ज्वेलर्स महेश सोनी महेश ज्वेलर्स खजांची मार्केट द्वारा 5100 के पोधे रतनलाल ङागा बीकानेर मुम्बई 5400 की राशि देकर पोध वितरण के सहभागी बने
महात्मा ज्योतिबा फुले पार्क मे वृक्षारोपण हेतु अध्यक्ष मिलन गहलोत को बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने तालपपङी अमरुद सेहतुत के 2000 पैङ पौधे किये भेंट
कथा मे पं राजेन्द्र किराङु का भागवत सप्ताह व्यास पीठ से बालसंत और देवश्री चांडक ने पटका ओढ़ाकर किया सन्मान
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बीकानेर मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के तत्वावधान मे और देवकिशन चांडक देवश्री के संयोजन मे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज और संत मनुजी महाराज के सानिध्य मे बालसंत के एक लाख पौधा वितरण अभियान के तहत पर्यावरण संवर्धन संरक्षण निमित् श्रीमद्भागवत कथा वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा श्री पाराशर भवन मे सप्ताह वाचन जारी हे ..कथा के छठे दिवस पं गोतम उपाध्याय नितेश आसदेव कुनाल पारीक कान्हा सहित पांच ब्राह्मणों द्वारा आज तोलाराम मंजु देवी चांडक नन्दकिशोर विमलादेवी चांडक नारायण सोनी परिवार जस्सूसर गेट ने भागवत पुराण का पुजन विधि-विधान से करवाया..तत्पश्चात छठे दिवस की कथा का वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने आज महारास प्रसंग मथुरा जाकर भगवान कृष्ण द्वारा कंश का उद्धार करना कृष्ण का उज्जैन जाकर गुरु संदीपनी मुनि के आश्रम 64 दिवस मे 64 कला सिखना और गुरु दक्षिणा मे मृत गुरुपुत्र को वापस लाने की कथा जरासंध से युद्ध कर मथुरा छोड़कर द्वारिकापुरी बसाकर द्वारिकाधीश के रूप मे राजा बन प्रजासेवा धर्म निभाना… तत्पश्चात भगवान कृष्ण द्वारा रुक्मणि हरण और रुक्मणि विवाह के प्रसंग बतलाए.. और एक दिन भगवान के परम मित्र सुदामा का द्वारिका मे भगवान कृष्ण से मिलने आने की विस्तृत कथा बतलाई.. बाल संत श्रीछैल बिहारी ने रास प्रसंग की विस्तृत व्याख्या करते हुए बतलाया कि. कि राष् प्रसंग “जीवात्मा और परमात्मा के विशुद्ध मिलन की लीला का नाम ही महाराष प्रसंग कहलाया…बालसंत ने कहा कि महारास प्रसंग भगवान की बङी अद्भुत ज्ञानलीला प्रसंग हे… जिसे पुर्ण रुप से समझने मे बड़े-बड़े महाज्ञानी सूर अम्लात्मा महात्मा भी मोह को ग्रसित हो गए थे… भगवान कृष्ण और सुदामा मिलन के प्रसंग की व्याख्या करते हुए बालसंत ने कहा..कि मित्रता का रिश्ता सबसे अनमोल रिश्ता माना गया है… और इसकी सबसे बड़ी विशेषता और ध्यान यह रखना चाहिए… की मित्रता कभी स्वार्थ से जुड़ी हुई ना हो… क्योंकि स्वार्थपरक मित्रता की अवधि लंबी नहीं होती… अतः अगर मित्रता निभानी है… तो मित्रता के बीच में कभी भी अपने स्वार्थ को ना लाएं…कथा में संगीत विजय पारीक और मनोज भादाणी का रहा..मनु महाराज ने बताया… कि भागवत कथा मे बालसंत और देवश्री चांडक द्वारा “पर्यावरण संदेश के साथ 6 दिवस मे निरंतर पेङों के प्रसाद के साथ 2700 पेङ पौधों का वितरण श्रीकिसन मांङण झंवरलाल मोटियार शंकरलाल मांङण के सेवाश्रम मे श्रदालुभक्तों को पर्यावरण संवर्धन के कथा मे नित्य प्रतिदिन पौधवितरण किया जाता है……. बालसंत की कथा सुनने बंगलोर से पधारे भामाशाह उधोगपति नीरज दुर्गेश्वर का भव्य स्वागत किया..जिसमे हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार शंकरलाल मांङण झंवरलाल मोटियार ने माल्यार्पण कर नीरज दुर्गेश्वर का कृष्ण जन्मोत्सव पर अभिनंदन किया….. मनुजी महाराज ने बताया…कि नित्य प्रतिदिन गौसेवा मे सेवाश्रम समाजसेवी प्रेमलता देवकिशन चांडक देवश्री मदनमोहन मल्ल बालसंत ओर देवश्री चांडक द्वारा नित्य गोसेवा कार्य के साथ गोशाला मे भी नित्य पोध वितरण किया जाता है… हरिकिशन नागल ने बताया… कि कथा व्यवस्था हेतु मदनमोहन मल्ल विनोद मोदी नारायण सोनी प्रथ्वीसिंह पंवार कान्हा छङिया नितेश हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार आनंद गहलोत ममता आसदेव रेश्मा वर्मा सीमा पुरोहित आदि कथा व्यवस्था मे सेवा दे रहे हे ..