बीकानेर,राजकीय डूंगर महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के अन्तिम दिन शुक्रवार को चार सत्रों में कार्यक्रम हुए।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमेन एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्य प्रो. पी.एस. वर्मा समापन सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उन्होने कहा कि किसी संस्था के विकास हेतु संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों एवं सामाजिक सदस्यों के साथ प्रायोगिक अध्ययन की आवश्यकता रहती है।
इससे पूर्व शैक्षणिक उन्नयन विषय पोस्टर प्रदर्शित किए गए। पांचवें तकनीकी सत्र में डॉ. दिव्या जोशी, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. ब्रजरतन जोशी, डॉ. श्यामा अग्रवाल, डॉ. परणीत जग्गी एवं डॉ. निधि शर्मा, डॉ. सुरूचि गुप्ता एवं डॉ. राजेन्द्र सिंह ने पैनल विशेषज्ञ के रूप में भाषा विज्ञान द्वारा शैक्षणिक विकास विषय पर व्याख्यान दिए। छ्ठे सत्र में प्रो. पंकज जैन, प्रो. साधना भंडारी एवं प्रो. सी.एस. कच्छावा, प्रो. वी.के. ऐरी ने प्रबन्धन द्वारा शैक्षणिक विकास पर पैनल विचार विमर्श में विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया। सातवें सत्र में विद्यार्थी पेरेन्ट्स एवं समाज के गणमान्य नागरिकों द्वारा चर्चा विषय आयोजित कर नवाचार किया गया।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. पी.एस वर्मा, गेस्ट ऑफ आनर प्रो. रवीन्द्र मंगल एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. ए.के. छंगाणी, राजकीय डूंगर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पुष्पेन्द्र सिंह, उपाचार्य प्रो. नरेन्द्र नाथ सहित, डॉ. दिव्या जोशी, डॉ. नरेन्द्र भोजक एवं डॉ. रवि परिहार बतौर अतिथि मौजूद रहे। डॉ. एच.एस. भंडारी ने सेमीनार के बिंदुओं का वाचन किया। सह संयोजक डॉ. राजाराम ने आभार जताया।
पोस्टर सत्र का शुभारंभ प्रो. नरेन्द्र नाथ, प्रो. सुषमा जैन द्वारा किया गया। प्रो लीना सरण, डॉ. विजय कुमार ऐरी, डॉ. शिल्पा यादव एवं प्रो. सुमनलता त्रिपाठी, डॉ. श्यामा अग्रवाल ने निर्णायक की भूमिका अदा की। समापन सत्र में बेस्ट पोस्टर अवार्ड का प्रथम पुरस्कार देवेन्द्र सिंह एवं शशिकान्त, द्वितीय पुरस्कार तरूण, तृतीय पुरस्कार हेमू चौधरी को दिया गया। प्रिन्सी जोशी को बेस्ट पेपर अवार्ड से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार लीपाक्षी, मीनल, भारती, प्रियंका एवं अदनान को प्रदान किया गया। गीतिका चावला, मुकेश कुमार, अभिषेक शर्मा, कंचन, जया, मोनिका गहलोत, ऋतु, सपना बिश्नोई, षिवराम खटीक, प्रतिभा लाडूणा ने पत्र वाचन किया।