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बीकानेर,श्री पीपा क्षत्रिय समाज द्वारा शीतला गेट के अंदर पीपा क्षत्रिय भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रारंभ में आज पंडित विजय शंकर छंगाणी ने प्रारम्भ में आज के यजमान रामराज टाक तथा पप्पू पंवार से विधि विधान से पूजा करवाई ।

पंडित छंगाणी ने छठे दिवस की कथा मे कंस उद्धार, गोपी गीत महारास, भगवान श्रीशंकर का रास मे जाना, द्वारिका निर्माण तथा भगवान श्री कृष्ण- रूखमणी के विवाह की विस्तृत रूप में वर्णन किया
कथा में श्रीकृष्ण- रुक्मिणी के विवाह की सचेतन झांकी का आयोजन धूमधाम से किया गया ।
पंडित विजय शंकर छंगाणी जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश देती है उन्होंने बताया कि
विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी बुद्धिमान, सुंदर थीं.
राजा के दरबार में जो कोई भी आता वह श्रीकृष्ण के साहस और वीरता की प्रशंसा करता. कृष्ण की वीरता की कहानियां सुनकर रुक्मिणी ने तय कर लिया था कि वह कृष्ण से ही विवाह करेंगीं.
राजा भीष्मक ने शिशुपाल से देवी रुक्मिणी का विवाह तय कर दिया था ।रुक्मिणी ने कान्हा के प्रति अपने प्रेम की बात एक संदेश के जरिए श्रीकृष्ण तक पहुंचाई. श्रीकृष्ण को जब ये बात पता चली तो रुक्मिणी को संकट में देख वह विदर्भ राज्य पहुंचे।
शिशुपाल जब विवाह के लिए द्वार पर आया तो कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया. इसके बाद श्रीकृष्ण,शिशुपाल और रुक्म के बीच भयंकर युद्ध हुआ और इसमें द्वारकाधीश श्री कृष्ण विजयी हुए. भगवान श्री कृष्ण देवी रुक्मिणी को द्वारकाधीश ले आए और यहीं उनका विवाह हुआ.
आज कथा में उत्तम चन्द बडगुजर ,मनु सोलंकी, कमल कांत दैया, किशन सोलंकी,बद्री प्रसाद सोलंकी,गिरधर दैया,मोडाराम सोलंकी,किशोर कुमार सोलंकी, राजकुमार दैया,जशोदा सोलंकी,आशा सोलंकी, भगवती सोलंकी, संजू ,गोमा दैया, रामेश्वरी सोलंकी, सन्तोष दैया , राजा कवरी पंवार, शारदा दैया, रेखा चौहान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया

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