बीकानेर, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में पर्युषण पर्व में गुरुवार को कल्पसूत्र के प्रसंगानुसार भगवान महावीर का जन्मोत्सव के दौरान भक्ति, बधाई गीतों व नृत्यों धूम रही। भगवान महावीर की माता त्रिशलादेवी को स्वप्न में 14 दर्शन की झांकियों को प्रदर्शित किया गया। पालने में भगवान महावीर के बाल स्वरूप् की प्रतिमा को रखकर झुलाया गया। आदित्य जैन, कौशल दुगड़, विचक्षण महिला मंडल व गरिमा नाहटा ने भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी।
जांवरा उज्जैन के स्वाध्यायी भाई मनीष कोचर, अरिहंत जैन ने माता त्रिशाला देवी को स्वप्न में दिखाई दी 14 वस्तुओं का वर्णन करते हुए कहा कि परमात्मा महावीर सच्चे वीर है। उन्हांंने राजपाठ को छोड़कर, काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि कषायों पर नियंत्रण कर, तपस्या की तथा संसार को सत्य, अहिंसा, अचौर्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य, समता व क्षमा का संदेश दिया। भगवान महावीर के आदर्शों पर चलने से संसार में सुख, शांति संभव है।
स्वाध्यायी भाइयों ने बताया कि 14 स्वप्न दर्शन मात्र से सुख समृद्धि व जीव को शांति की प्राप्ति होती है । श्रावक-श्राविकाओं से खचाखच भरे उपासरे में सामयिक साधना, प्रतिक्रमण, उपवास की तपस्याएं की। उपासरे के मंदिर के साथ श्रावक-श्राविकाओं ने भगवान महावीर सहित विभिन्न जिनालयों में दर्शन किए। भगवान महावीर के मंदिरों में विशेष अंगी की गई।