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बीकानेर,राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र, बीकानेर के निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने कहा कि ऊंट प्रजाति अब एक ‘दुधारू पशु’ के रूप में अपनी पहचान बनाने लगी है क्योंकि इसके दूध में विद्यमान औषधीय गुणधर्म विभिन्न मानव रोगों यथा-मधुमेह, टी.बी.ऑटिज्म आदि में लाभप्रद पाए गए हैं, नतीजतन अब ऊंट को मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है।

डॉ. साहू स्कूली विद्यार्थियों के लिए ‘मानव जीवन में ऊंट’ विषयक हिन्दी भाषण प्रतियोगिता में अपनी बात कह रहे थे। कक्षा 9, 10, 11 व 12 वीं कक्षा तक के दो समूहों में आयोजित इस प्रतियोगिता में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शिवबाड़ी, प्रार्थना शिक्षण समिति तथा हिमांशु बाल माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

डॉ. साहू ने यह भी कहा कि ऊंट के बाल (ऊन), हड्डी, चमड़ी आदि लघु उद्योग के रूप में पनप रहे हैं तथा लोगों की आमदनी का जरिया बना है वहीं उष्ट्र सवारी-सफारी के प्रति पर्यटकों में खासा रुझान देखा गया है। ऊंट हर दृष्टिकोण से लाभ देने वाला पशु है, इस व्यवसाय को बढ़ावा देने से उष्ट्र प्रजाति व संबद्ध समुदायों दोनों को लाभ मिल सकेगा।

बीकानेर एसपी तेजस्विनी गौतम ने केन्द्र के जमीनी स्तर के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उष्ट्र प्रजाति के संरक्षण एवं विकास हेतु सामाजिक जुड़ाव वाले ऐसे कार्यक्रम नितांत आवश्यक है ताकि भावी पीढ़ी द्वारा उष्ट्र प्रजाति की इस बदलते परिवेश में उपयोगिता को समझा जा सके। गौतम ने केन्द्र द्वारा उष्ट्र अनुसंधान की दिशा में किए जा रहे अनुसंधानिक एवं व्यावहारिक प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में उपयोगी कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी देते हुए कहा कि आज प्रौद्योगिकी का दौर चल रहा है, हमें खासकर विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के संबंध में विशेष सावधानी बरतते हुए इसका इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा, समाज में महिलाओं की स्वीकार्यता एवं उन्हें समान अधिकार आदि कई पहलुओं पर प्रकाश डाला।

डॉ.आर.के.सावल, प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी राजभाषा ने विद्यार्थियों को केन्द्र में चल रही अनुसंधान गतिविधियों की जानकारी देते हुए इस पशु की विशेषताओं, बहु आयामी उपयोगिताओं एवं बढ़ते उष्ट्र व्यवसाय के बारे में जानकारी संप्रेषित की।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में नरेश कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य, राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय ने कहा कि निश्चित रूप से अपनी विशेषताओं के कारण ऊंट आज भी उपयोगी है, बशर्तें इससे लाभ लिया जाए।

प्रतियोगिता में प्रथम वर्ग (कक्षा 9 व 10) में राहुल यादव प्रथम, अनिल कुमावत द्वितीय, सूरजदास गुप्ता एवं मोहित अठावनिय तृतीय स्थान पर रहे वहीं द्वितीय वर्ग (कक्षा 11 व 12) में सीटु चारण प्रथम, मुस्कान जूनवाल ने द्वितीय स्थान अर्जित किया । विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

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