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बीकानेर, राज्य में 16 अप्रैल से बन्द हुए क्लास 6 से 8 तक के स्कूल एक बार फिर खुल गए हैं। तब भी स्कूल कुछ दिन ही संचालित हो सके थे। पहले दिन स्कूल्स में स्टूडेंट्स की उपस्थिति कम रही, लेकिन पढाई पहले दिन से ही पटरी पर आती नज़र आई। शिक्षा विभाग के आदेश पर आज से सभी सरकरी व प्राइवेट स्कूल शुरू हुए हैं। करीब 44 लाख स्टूडेंट्स को स्कूल जाने का फिर से अवसर मिला है।
प्राइवेट में अब फर्स्ट टेस्ट
राज्य के सरकारी स्कूल्स में इसी महीने के पहले सप्ताह में फर्स्ट टेस्ट ले लिया गया था, लेकिन प्राइवेट स्कूल्स को 30 सितंबर तक की छूट दी गई। ऐसे में अधिकांश प्राइवेट स्कूल्स के स्टूडेंट्स को ऑफलाइन एग्जाम ही देना होगा। हालांकि एग्जाम शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक ऑब्जेक्टिव ही होंगे।
टीचर्स का अभाव
प्राइवेट स्कूल्स को टीचर्स के अभाव से जूझना पड़ रहा है। दरअसल 26 सितंबर को REET का एग्जाम होने के कारण प्राइवेट स्कूल्स के टीचर्स अभी नहीं आ रहे। जबकि सरकारी स्कूल में ऐसी कोई समस्या नहीं है। अधिकांश स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना काल में जिन टीचर्स ने स्कूल छोड़ दिए थे, उनसे वापस संपर्क किया जा रहा है लेकिन अब वो रीट की तैयारी में व्यस्त है। एक अक्टूबर से ही व्यवस्था में सुधार होगा।
2 साल हुए प्रमोट, इस बार नहीं
राज्य में क्लास 1 से 12 तक के स्टूडेंट्स प्रमोट ही हो रहे हैं। क्लास 1 से 9 तक के स्टूडेंट्स ने एग्जाम नहीं दिया। इस बार ऐसा नहीं होगा। ऐसे में इस बार स्कूल्स तक आना ही होगा। शिक्षा विभाग ने इस बार अपनी मंशा जता दी है कि कोई भी क्लास हो, बच्चों को परीक्षा देकर ही पास किया जायेगा।
तीसरी लहर फिलहाल नहीं
राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का अभी कोई असर नहीं है। राज्य में हर रोज औसतन 10 से 12 रोगी ही सामने आ रहे हैं। सितम्बर में ही तीसरी लहर की आशंका थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। खासकर बच्चों को कोरोना के असर को नहीं देखते हुए शिक्षा विभाग ने ये निर्णय किया है। मास्क जरूरी, नहीं लाया तो स्कूल देगा स्टूडेंट्स को स्कूल में हर वक्त मास्क लगाकर रखना होगा। अगर कोई स्टूडेंट मास्क नहीं लाया है तो स्कूल प्रबंधन को उपलब्ध कराना होगा। इसी तरह अगर स्कूल में किसी स्टूडेंट की तबियत बिगड़ती है तो स्कूल प्रशासन को ही उसे अस्पताल ले जाना होगा।

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