बीकानेर,विश्व की बड़ी परियोजना में सुमार है इंदिरा गांधी नहर परियोजना जिसने राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी हिस्सा जो रेगिस्तान की आग़ोश में था आज नखलिस्तान में बदल गया । इस नहर पर अरबो रुपये खर्च हुवे किन्तु उपलब्धि वित्तिय अनियमितता पर प्रभावी अंकुश और यह कर दिखाया पूर्व समय मे मुख्य लेखाधिकारी(प्री चेक सेटअप) इंदिरा गांधी नहर परियोजना,बीकानेर सन 2017 तक और वर्तमान में मुख्य लेखाधिकारी(निरीक्षण) इंदिरा गांधी नहर परियोजना,बीकानेर के प्रभावी वितीय प्रबंधन ने । आज राजस्थान सरकार के अनेक निर्माण विभाग,केंद्र/राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं में करोड़ो अरबो रुपये खर्च किये जा है और आये दिन समाचार पत्रों के माध्यम से वित्तीय घोटाले,भ्र्ष्टाचार की लिप्तता की खबरे पढ़ने को मिलती है किंतु नहर विभाग की नही । आज विभिन्न विभागों में महालेखाकार राजस्थान द्वारा की गई ऑडिट के हजारों ऑडिट आक्षेप बोल रहे है किंतु मुख्य लेखाधिकारी(निरीक्षण) के प्रभावी वित्तीय प्रबंधन के कारण नाम मात्र के ऑडिट पेैरे मिलेंगे क्योकि इस विभाग की सजगता के चलते वित्तीय अनियमितता को प्रारम्भ में ही रोक दिया जाता है । किंतु कुछ उच्च अधिकारियों द्वारा इस संगठन की अहमियत को न समझते हुवे इस विभाग को समाप्त करने की कार्यवाही की जा रही है जो की श्रीमान अशोक जी गहलोत सरकार के कार्यकाल में दुर्भाग्यपूर्ण निणर्य होगा । जबकि इस सरकार में इस विभाग की कार्यकुशलता तथा अब तक कि उपलब्धि से प्रभावित होकर अन्य निर्माण विभाग में ऐसे स्वतंत्र निरीक्षण विभाग होने चाहिए ताकि सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं निर्माण कार्य पर किये गए खर्च का शतप्रतिशत लाभ जनता को मिले ।
मै, अशोक जी सरकार के पूर्व कार्यकाल 2008-13 की और स्मरण करवाना चाहता हूँ जब श्रीमान डॉक्टर बी डी कल्ला साहब राजस्थान वित्त आयोग के अध्यक्ष थे तब उन्होंने सरकार को अपनी रिपोर्ट में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास योजना,स्वायत शासन विभाग के अंतर्गत आने वाले विभागों में इंदिरा गांधी नहर परियोजना की भांति ही स्वतंत्र निरीक्षण विभाग खोलने की अनुशंसा की थी क्योकि श्रीमान डॉक्टर बी डी कल्ला साहब जब नहर मंत्री थे तो उन्होंने इस विभाग की अहमियत को अच्छी तरह जांचा हुआ था ।
मै, इस पोस्ट के माध्यम से समस्त सरकार के माननीय मंत्री महोदय,समस्त विधायक महोदय,सरकार में उच्च पदों पर कार्यरत माननीय उच्च अधिकारियों,जनप्रतिनिधियों,प्रिंट मीडिया से पुनः निवेदन करना चाहूंगा कि इस विभाग की अहमियत को समझते हुवे जहाँ इसे इस परियोजना के साथ जल संशाधन विभाग की निरीक्षण की जिम्मेदारी मजबूती के साथ सौपे साथ ही ऐसे स्वतंत्र निरीक्षण विभाग अन्य निर्माण विभागों में भी खोले । ओर इस मुद्दे को श्रीमान अशोक जी गहलोत के ध्यान के लाने में सहयोग करे ।