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बीकानेर.पुलिस महकमे में महिला कांस्टेबल अगले कुछ दिनों में बीकानेर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में पुलिस वाहनों को दौड़ाते हुए नजर आएं, तो कतई चौकिएगा मत। हाल ही में पुलिस महकमे में चालक के पद पर 18 महिला कांस्टेबलों का पदस्थापन हुआ है। यह महिलाएं पीएमडीएस से ट्रेनिंग लेकर पूरी तरह दक्ष हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, इन्होंने प्रदेश के विभिन्न थानों में पुलिस की गाडि़यों का स्टेयरिंग भी संभाल लिया है।

18 प्रशिक्षित, चार और हो रही प्रशिक्षित
पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में वर्ष 2022-23 में 301 चालक कांस्टेबलों के बैच ने प्रशिक्षण लिया। इसमें 18 महिला चालक कांस्टेबल शामिल रहीं। इन महिलाओं ने 12 महीने तक कठिन प्रशिक्षण लेकर आठ अगस्त को पास आउट होकर विभिन्न जिलों का रुख किया। अब वे प्रदेश के 10 जिलों में पुलिस वाहनों को सरपट दौड़ा रही हैं। मौजूदा समय में पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में 68 चालक कांस्टेबलों का प्रशिक्षण चल रहा है, जिसमें चार महिला कांस्टेबल भी शामिल हैं।

बीकानेर में केवल एक महिला चालक

वर्ष 2022-23 के बैच से पासआउट होकर केवल एक महिला चालक कांस्टेबल अंजू खिलेरी पत्नी अनोपाराम पुलिस बेड़े में शामिल हुई है। यह जिले के बज्जू थाना क्षेत्र के गौड़ू की रहने वाली है। फिलहाल इनकी पोस्टिंग पुलिस लाइन में है। एमटीओ हीरालाल बताते हैं कि बीकानेर में यह महिला चालक पुलिस लाइन में पदस्थापित है। यह सुबह-शाम पुलिस वाहन से मेस में बने खाने को सप्लाई करने वाले वाहन को चलाती है।

मां-बाप ने साकार किया सपना
महिला कांस्टेबल चालक अंजू ने बताया कि वह छह बहनें और तीन भाई हैं। वह हमेशा से पुलिस में जाना चाहती थी। वर्ष 2021 में पुलिस विभाग में चालक पुलिस कांस्टेबल के लिए आवेदन किया। आवेदन के साथ ही गांव में ट्रैक्टर और गाड़ी चलाना शुरू कर दिया। महिला चालक कांस्टेबल के पद पर चयन होते ही एक साल पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग ली और अब पुलिस लाइन में वाहन चला रही है। अंजू के मुताबिक, मां-बाप व पूरे परिवार के सहयोग से उसका पुलिस में भर्ती होने का सपना साकार हुआ है। वह बताती है कि पहले झिझक थी, लेकिन जब ट्रेनिंग में गई, तो सारी झिझक दूर हो गई। अब बेधड़क गाड़ी चलाती हूं।

साहस का काम कर रही है अंजू

बीकानेर में केवल एक महिला चालक कांस्टेबल है। वह सुबह-शाम शहर में विभिन्न जगहों पर पदस्थापित पुलिस जवानों को खाना पहुंचाने का काम करती है। महिला होकर चालक का काम करना अपने आप में साहस का काम है।
तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक

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