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बीकानेर,माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की परीक्षाओं में तय मानदंडों से कम रिजल्ट्स देने वाले राज्य के चार सौ से ज्यादा लेक्चरर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन लेक्चरर को जवाब देना होगा कि उनका रिजल्ट कम क्यों रहा है? जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर शिक्षा विभाग इन लेक्चरर के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है।

दरअसल, शिक्षा विभाग के व्याख्याताओं को निर्देश है कि 12वीं क्लास में प्रत्येक विषय का रिजल्ट कम से कम सत्तर प्रतिशत रहना चाहिए। अगर किसी स्कूल में व्याख्याताओं का रिजल्ट सत्तर प्रतिशत से कम आता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हर बार की तरह इस बार भी इन व्याख्याताओं को पहले कारण बताओ नोटिस दिया जा रहा है और जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिन वरिष्ठ अध्यापकों का रिजल्ट दसवीं क्लास में साठ प्रतिशत से कम रहता है,

जिन वरिष्ठ अध्यापकों का रिजल्ट दसवीं क्लास में साठ प्रतिशत से कम रहता है, उनको भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कुछ स्कूल वाइस प्रिंसिपल को भी नोटिस दिया गया है।

इस लिस्ट में दो लेक्चरर व प्रिंसिपल ऐसे भी है, जिनका रिजल्ट शून्य प्रतिशत बताया गया है। इसमें एक जैसलमेर के पोकरण स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एकां के लेक्चरर और सवाई माधोपुर के बामनवास स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पलासोद के प्रिंसिपल का रिजल्ट शून्य प्रतिशत रहने पर नोटिस दिया गया है। ये उनके स्वयं के माध्यम से पढ़ाए जा रहे विषय के लिए दिया गया है।

वरिष्ठ अध्यापकों और लेक्चरर को पंद्रह दिन के भीतर जवाब देना होगा कि कम रिजल्ट का क्या कारण है? अगर जवाब नहीं दिया गया तो संबंधित लेक्चरर व टीचर के खिलाफ 17 सीसीए के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जवाब मिलने के बाद शिक्षा विभाग लेक्चरर व टीचर को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाएगा। यहां स्वयं निदेशक इनसे सवाल जवाब करेंगे। अगर हर साल रिजल्ट कम रह रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। वेतन वृद्धि रोकने के साथ ही पदोन्नति पर भी इसका असर पड़ सकता है।

 

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