बीकानेर,राजस्थान के खेतों में टिड्डियों का आतंक।पाकिस्तान से सटे इलाकों में इस बार जमकर बारिश हुई है, जिससे किसानों के चेहरे पर काफी खुशी देखने को मिल रही है।
एक तरफ जहां मानसून की बारिश ने फसलों के लिए रामबाण का काम किया तो दूसरी तरफ इस इलाके में टिड्डियों का खतरा मंडराने लगा है। बीकानेर जिले में हाल ही में इस पर एक सर्वे भी किया गया है।
टिड्डी विभाग का कहना है कि सर्वे में मिली टिड्डियों का घनत्व फिलहाल कम है। राजस्थान में इस साल अच्छी बारिश हुई है। बाड़मेर से लेकर बीकानेर और जैसलमेर तक बारिश का दौर अभी भी लगातार जारी है। यही वजह है कि पश्चिमी राजस्थान के इलाकों में अभी नमी है। इसे टिड्डियों के लिए अनुकूल परिस्थिति माना जाता है। यह देखते हुए टिड्डी विभाग की ओर से महीने में दो बार बाड़मेर समेत राजस्थान कई जिलों में सर्वे करवाया जा रहा है। इस दौरान बीकानेर में व्यस्क टिड्डियों को देखा गया है।
2019-20 में टिड्डियों ने किया था करोड़ों रुपये का नुकसान
बता दें कि साल 2019 और 20 में पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात के कई जिलों में आई टिड्डियों के झुंड ने राजस्थान और गुजरात के कई इलाकों में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया था। इससे इन दोनों राज्यों के हजारों किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। एक आंकड़े के अनुसार, उस समय टिड्डियों को मारने के लिए 6000 हेक्टेयर में लगी फसल पर स्प्रे किया गया था।
टिड्डी बचाने के लिए किया था देसी उपाय
इसके अलावा बाड़मेर और जैसलमेर जिले के किसानों ने टिड्डियों को भगाने के लिए कई जतन किए थे। खेतों के अंदर थाली बजाकर,डीजे बजाकर या फिर धुआं करके करके अपने-अपने खेतों से टिड्डी बचाने का देसी उपाय किया था। रात के समय में लाखों की संख्या में टिड्डियों का झुंड खेत में खड़ी फसलों पर हमला कर देता था। कई बार किसानों ने इस इलाके में सामूहिक रुप से स्प्रे छिड़ककर लाखों की टिड्डियों को खत्म किया था।