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बीकानेर,इन दिनों बढ़ते हुए आई फ्लू केसेज को देखते हुए सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉक्टर गुंजन सोनी ने पीबीएम के नेत्र विभाग का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, इस दौरान नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर जयश्री मुरलीमनोहर, डॉक्टर अजय श्रीवास्तव, ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉक्टर गौरव गुप्ता आदि साथ रहे, आंखों के अस्पताल की ओपीडी प्रति दिन 1100 मरीज के आस पास रहने एवं मरीजों की सुविधा हेतु चाक चौबंद व्यवस्था बनाए रखने, आई फ्लू के दौरान नेत्र विभाग के चिकित्सकों का अवकाश स्वीकृत नहीं करने के लिए प्राचार्य डॉ. सोनी ने विभागाध्यक्ष डॉक्टर जयश्री मुरलीमनोहर को निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य ने निःशुल्क दवा वितरण केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता की स्थिति देखी, जहां पर्याप्त मात्रा में दवाएं पाई गई, इस दौरान डॉक्टर गुंजन सोनी ने मरीजों से बात की तो मरीजों ने बताया की डीडीसी के बाहर गर्मी बहुत रहती है इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए प्राचार्य ने ईएमडी प्रभारी डॉक्टर जितेंद्र आचार्य को वॉल फैन लगाने के निर्देश दिए । साथ ही नेत्र रोग विभाग में लंबित सिविल कार्यों को शीघ्र करवाने के निर्देश डॉक्टर संजीव बुरी को दिए

निरीक्षण के पश्चात प्राचार्य डॉक्टर गुंजन सोनी ने नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों की मीटिंग ली, सभी को निर्देश दिए गए की मरीजों के उपचार में किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरती जाए, सभी को तुरंत उपचार मुहैया करवाया जाए। निःशुल्क जांचों एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

*आई फ्लू के बचाव के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जारी की एडवाजरी*

प्राचार्य डॉक्टर गुंजन सोनी तथा नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर जयश्री मुरलीमनोहर ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन की और से आम जन को एडवाइजरी जारी करते हुए बताया की आई फ्लू के प्रकोप से बचने के लिए नेत्र विभाग, बीकानेर के हर ज़रूरतमंद को निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध करवा रहा है साथ ही रोग से बचाव को लेकर उसे जागरूक भी कर रहा है। बीते दो दिवस में ही कुल 2000 से ज़्यादा मरीज़ों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है ।
*आई फ्लू होने पर इन बातों का रखे विशेष ख्याल :*
1.आई फ्लू इन्फेक्शन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है, ना कि केवल आँख से आँख मिलाने पर (जो कि एक भ्रांति है) ।
2.सबसे अच्छे बचाव का तरीक़ा यही है कि संक्रमित व्यक्ति की किसी भी चीज़ को ना छुएँ।
3.संक्रमित होने पर घबराने कि ज़रूरत नहीं है, ठंडे पानी का सेक करें, काला चश्मा पहने, अन्य परिवार के सदस्यों से दूरी बनाए
4.चिकित्सक की सलाह से ही दवाई लेवें, क्योंकि कई बार इसका प्रभाव आँख की झिल्ली पर भी हो जाता है, जिससे कि धुंधला दिखाई देने लग जाता है।
5.आई फ्लू का प्रभाव 7 से 10 दिन तक सामान्यतया रहता है, परंतु अति गंभीर स्थिति में यह लंबे समय तक रह सकता है, तथा कई बार नज़र में भी धुंधलापन स्थाई रूप में रह जाता है।

अतः सार संक्षेप में कहा जा सकता हैं कि बचाव ही सबसे अच्छा उपचार है , तथा आई फ्लू होने पर तुरंत नेत्र चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

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