बीकानेर, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर का 37वां स्थापना दिवस एवं पूर्व छात्र सम्मेलन मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः 07.00 बजे से ही पौधारोपण के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की गई। भू-सदृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशक डॉ. दाताराम ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में लगभग 1 हजार छायादार एवं फलदार पौधे विभिन्न इकाईयों एवं छात्रावासों में लगाये गये। इस कार्यक्रम में कुलपति डॉ. अरूण कुमार, पूर्व कुलपति डॉ. बी. आर. छीपा, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के पूर्व कुलपति डॉ. एन. एस. राठौड़, भारतीय प्रशासनिक सेवा के श्री श्यामलाल पूनिया, सभी स्टाफ व विद्यार्थियों ने पौधा रोपण कार्यक्रम में भाग लिया। विद्या मंडप में आयोजित समारोह में छात्र कल्याण निदेशक डॉ. वीर सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. एन. एस. राठौड़ ने विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डॉ. के. एन. नाग की स्मृति में आयोजित व्याख्यानमाला के क्रम में कृषि एवं शिक्षा की गुणवत्ता के लिये डिजिटल तकनीकों के समावेश पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पौध व्याधि, सिंचाई की आवश्यकता, पोषक तत्वों की कमी, आदि की जाँच के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग आज की मांग है। हमें परम्परागत कृषि तकनीकों से हटकर डिजिटल तकनीक सीखनी होगी। विशिष्ठ अतिथि डॉ. बी. आर. छीपा ने कहा कि स्थापना दिवस एवं पूर्व छात्र सम्मेलन को एक साथ करना सराहनीय कदम है। कृषि महाविद्यालय के पूर्व छात्र श्याम लाल पूनियां, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों से अपनी संस्कृति एवं संस्कारों से जुड़े रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति ने गरीब घर में जन्म लिया है तो यह उसका दोष नहीं है परन्तु वह मरते वक्त तक गरीब है इसका अर्थ है कि उसके कर्तव्यों में कमी रही।
कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति डॉ. अरूण कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने की दिशा में विश्वविद्यालय नीति बनायेगा। उन्होंने कहा कि कृषि सम्बन्धित पुरानी कहावतों का संकलन कर कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा किसानों तक पहुंचाया जाना चाहिए। कुलसचिव सुनीता चौधरी, गृह विज्ञान की पूर्व छात्रा कवियत्री डॉ. मोनिका गौड़ तथा कृषि व्यवसाय प्रबन्धन की पूर्व छात्रा श्रीमती अल्का स्वामी ने भी विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के गत 36 वर्षों की उपलब्धियों को एक डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म के रूप में डॉ. सुभाष चन्द्र, निदेशक प्रसार शिक्षा द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों ने कृषि, सामुदायिक विज्ञान एवं कृषि व्यवसाय प्रबंधन के एलुमिनाई की ई-डायरेक्ट्री का बटन दबाकर लोकार्पण किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजु राठौड़ ने किया तथा डॉ. विमला डुंकवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।