बीकानेर,मणिपुर मुद्दे पर केन्द्र सरकार की लेटलतीफी को भाजपा के लिये आत्मघाती कदम होगी’ यह बात आज सोमवार को प्रौढ़ शिक्षण समिति सभागार में आयोजित पत्राकार वार्ता में विचारक व पूर्व पत्रा़कार अभय कुमार दुबे ने कही। दुबे ने कहा कि विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस का भाजपा में विलय होना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इससे यह गंभीर मुद्दा देश के सामने कि भाजपा से कही न कही चूक हुई है। लेकिन उसके बाद भी भाजपा ने वहां प्रभावशाली निर्णय नहीं लिया। न ही गृहमंत्राी ने सदन के अंदर या बाहर इस विषय पर सरकार का कोई पक्ष रखा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें विधानसभा चुनाव में मिलने चाहिए। ऐसा मेरा आंकलन है,मुझे लगता है मंहगाई राहत शिविर के जरिये गहलोत ने मतदाताओं को साधने का एक प्रयास किया है,जो उन्हें चुनाव में कही न कही फायदा पहुंचा सकता है। वे आज उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद होना आम बात है। लेकिन सीएम गहलोत ने जिस तरह राजस्थान में काम किया। उससे प्रभावित होकर ही केन्द्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया है। लगता है कि अगला चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जा सकता है।
मीडिया पर पूछे गये सवालों पर उन्होंने कहा कि मीडिया हाउस पर एक तरफा खबरों की टीआरपी बटोरने की बात कहते हुए दुबे ने कहा कि सरकार जो पहलू मीडिया को थमाती है वह उसे आंख बंद कर मान लेता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिन चैनलों ने अंधविश्वासों को टीआरपी की खातिर दिखाया,उनकी टीआरपी कम हुई। आज 84 प्रतिशत पत्राकार इस बात से पीड़ित भी है।
संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी उमाशंकर आचार्य ने बताया कि दुबे दो दिवसीय बीकानेर यात्रा पर हुए थे जिसमें पहले दिन डाॅ. छगन मोहता की स्मृति में व्याख्यानमाला आयोजित की गई और दूसरे दिन बीकानेर के सुधि पत्राकारों के साथ उनकी वार्ता करवाई गई।
उमाशंकर आचार्य
सहायक कार्यक्रम अधिकारी
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