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बीकानेर,बारह व्रत स्वीकरण कार्यशाला देश के परिषदों द्वारा हजारों श्रावकों को प्रतिवर्ष कार्यशाला के माध्यम से बारह व्रत ग्रहण करवाये जाते हैं।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद् गंगाशहर ने शासनश्री साध्वीश्री शशिरेखा जी व साध्वी श्री ललितकला जी के सान्निध्य में बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन शान्ति निकेतन मे किया गया।
तेयुप गंगाशहर के अध्यक्ष अरुण कुमार नाहटा ने बताया कि इस बार समस्त भारत के साथ साथ नेपाल में बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन हो रहा है।
साध्वीश्री ने श्रावक समाज को बारह व्रत के विषय मे विस्तार से समझाया, उन्होंने बताया कि व्रत वह सुरक्षा कवच है जो व्यक्ति को बुराइयों से बचाता है। भगवान महावीर ने श्रावक के लिए बारह व्रतों का विधान किया है और उसे आगार धर्म कहा है। गृहस्थ भी बारह व्रतों के माध्यम से धर्म की आराधना कर सकता है और सुगति (देव गति) का अधिकारी बन सकता है। एक गृहस्थ पूरी तरह संयमी जीवन नहीं जी सकता पर असंयम की सीमा तो कर सकता है एवं व्रतों को स्वीकार कर बारह व्रती बनकर आत्मोत्थान की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
परिषद् अध्यक्ष ने बताया कि हम बारह व्रत कार्यशाला के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा के नेतृत्व में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् की 357 शाखाएं समस्त देश मे प्रतिवर्ष श्रावक समाज को बारह व्रत के प्रत्याख्यान करवाते हुए आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर करने का कार्य करती है।
तेरापंथ युवक परिषद् मंत्री भरत गोलछा ने बताया कि हमारे गंगाशहर मे इस कार्यशाला के दौरान 328 श्रावक/ श्राविका ने बारह व्रत स्वीकार किये हैं।
श्रावक समाज में आध्यात्मिक उत्थान एवं विकास हेतु तेयुप संस्था समय समय पर ऐसे कार्यक्रम करती रहती है। ये सारी जानकारी परिषद् के मीडिया प्रभारी धनपत भंसाली ने दी।

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