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बीकानेर,‘सुबह सोकर उठा तो आंख चिपकी हुई। कुछ देर में जलन-सी महसूस हुई। आंख धोकर काम में लग गए। दोपहर तक दर्द और हलका सूजन दिखने लगा। शाम होते-होते बेचैनी बढ़ गई और हलका बुखार भी लगा।‘
पीबीएम आई हॉस्पिटल के आउटडोर में पहुंचे 10 में से सात रोगियों की यह एक ही कॉमन शिकायत सामने आई। डॉक्टर्स से पूछा तो बोले, ‘एडिनो वायरस कंजक्टीविटी‘ का प्रकोप चल रहा है। लगभग 70 प्रतिशत मरीज इसी बीमारी से जुड़े आ रहे हैं। इस प्रतिशत का पीबीएम आई हॉस्पिटल के आउटडोर से तुलना करें तो महज एक हॉस्पिटलम में ही 300 ज्यादा रोगी इस बीमारी के पहुंच रहे हैं जिसे आम बोलचाल मे कहते हैं ‘पिंक आई डिजीज‘ या ‘आई फ्लू‘। हैरानी की बात यह है कि यह बीमारी बच्चों में तेजी से फैल रही है। वजह, बच्चे स्कूल जा रहे हैं। एक से दूसरे में संक्रमण करते हुए वायरस फैल रहा है।

इस बीमारी के प्रकोप के चलते गंगाशहर हॉस्पिटल में होने वाला आई कैंप एक बारगी स्थगित कर दिया गया है। मतलब यह कि आंखों के आपरेशन टल गए हैं। पीबीएम आई हॉस्पिटल में भी आपरेशन के लिए आ रहे रोगियों में पहले आई फ्लू चैक कर रहे हैं। परिवार की हिस्ट्री भी पूछ रहे हैं। अगर किसी को खुद या पूरे परिवार के लोगों को आई फ्लू है तो एकबारगी उसका आपरेशन स्थगित भी कर रहे है

अब जाने इस बीमारी के बारे में वह सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं:

ये हैं लक्षण: आंख लाल, जलन, खुजली, दर्द और बेचैनी के साथ कान के नीचे दर्द, जुकाम, हलका बुखार भी

वजह यह है: नमी से एक्टिव हो रहा है एडिनो वायरस, पांच से सात दिन होते हैं बेहद परेशानी वाले

क्या करें: डॉक्टर को दिखाएं,उनकी सलाह अनुसार दवाई लें, ठंडे पानी से आंख धोएं, नरम कपड़े से हलके से आंख पोंछे

क्या न करें: आंख को रगड़े नहीं, हाथ लगाकर दूसरे को न छुएं, बगैर डॉक्टर की सलाह दवाई न लें

ये भ्रांति है: एक से दूसरे को देखने पर आंखों की बीमारी फैलने की बात भ्रांति है

खुद दवाई क्यों नहीं लें: कई बार फार्मासिस्ट-कैमिस्ट जरूरत से ज्यादा स्टीरॉइड डोज दे देते हैं। इससे कार्निया पर हो सकता है इफेक्ट।

क्या बगैर दवाई ठीक हो जाती है बीमारी: हो जाती है लेकिन डॉक्टर को दिखाना इसलिए जरूरी है क्योंकि कुछ मामलों में कार्निया पर इफेक्ट हो जाता है।

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