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बीकानेर,बीकानेर एक ओर सरकार विद्यालयों को क्रमोन्नत कर रही है। दूसरी ओर अध्यापकों व संसाधनों की कमी को लेकर विद्यार्थी व ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध के भाव से भरे शब्द सोमवार को श्रीडूंगरगढ़ तहसील के जेतासर गांव में सुनाई दे रहे थे।

अपने शिक्षा के अधिकारों को लेकर चिलचिलाती धूप में बच्चे हाथों में किताबों की जगह तख्तियां लेकर स्कूल पहुंचे और शिक्षा का सबक याद करने की जगह बुलंद आवाज में नारे लगा कर रोष प्रकट करते रहे। छात्र छात्राओं ने मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गए, जिससे अध्यापकों को बाहर ही बैठना पड़ा। कार्यरत प्रधानाचार्य पन्नालाल डेलू ने उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया। इस दौरान सहीराम नायक सहित अभिभावक व ग्रामीण भी पहुंच गए और बच्चों के लिए टेंट व पानी की व्यवस्था की गई।

इस विद्यालय को एक साल पहले क्रमोन्नत किया गया था, लेकिन आज तक इस विद्यालय में द्वितीय श्रेणी के अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई। गत दिनों ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी के माध्यम से शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन करने की बात भी कही गई थी। लेकिन विभाग की ओर से न तो कोई तत्कालीन व्यवस्था की और न ही कोई आश्वासन दिया। इस विद्यालय में 240 नामांकन है और उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत होने से ग्रामीणों का बालिका उच्च शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ा है, लेकिन शिक्षण व्यवस्था के अभाव में बालिकाओं की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

ये पद है रिक्त

यहां प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने के साथ ही छह वरिष्ठ अध्यापक, कनिष्ठ लिपिक, सहायक कर्मचारी के पद रिक्त पड़े हैं। विद्यालय में तृतीय श्रेणी के चार व छह अधिशेष अध्यापक हैं। इसमें एक अध्यापक डेपुटेशन पर गया है। यहां माध्यमिक स्तर की शिक्षण व्यवस्था के साथ ही प्रधानाचार्य, बाबू व पोषाहार का कार्य इन्हीं अध्यापकों के ऊपर है।

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