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बीकानेर,वर्षाती घग्घर नदी हनुमानगढ़ जिले के बहाव क्षेत्र से सटे गांवों के लिए खतरा बनी हुई है। सैकड़ों परिवारों को अन्यत्र शरण दी गई है। कुछ आबादी क्षेत्र खाली करवा लिए गए हैं। लाखों बीघा में फसल डूब में आ गई है। इलाके के लोगों और प्रशासन का ध्यान सारे काम काज छोड़ कर इस संभावित खतरे की तरफ लगा हुआ है। पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी और डा राम प्रताप बीकानेर संभाग के ही है। कांग्रेस सरकार के सिंचाई मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय इन पूर्व सिंचाई मंत्रियों के किए कार्यों के अनुभवों के आधार पर घग्घर बाढ़ से बचाव के उपाय लागू कर सकते हैं। घग्घर क्षेत्र में यह हालत क्यों बने है? क्या वर्तमान के सिंचाई मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कोई चिंता भी है। मंत्री कभी घग्घर क्षेत्र को देखने आए है? सिंचाई विभाग ने घग्घर बहाव क्षेत्र के संभावित खतरों और बचाव के बारे में अग्रिम तौर पर सोचा था क्या? गहलोत सरकार के सिंचाई मंत्री ने प्रदेश की सिंचाई प्रणाली, वर्षाती नदी नालों और बांधों का कभी निरीक्षण किया हो तो रिकार्ड बताएं। घग्घर नदी का जल स्तर बढ़ने से हनुमानगढ़ में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। कलक्टर मौके पर गए हैं और अधिकारियों का लवाजमा निगरानी में तैनात किया गया है। वैसे ग्रामीण टैक्टर के साथ बंधा बनाकर अपने गांवों और आबादी क्षेत्र की सुरक्षा में लगे हुए हैं। घग्घर नदी में ओ टू हेड से 4 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। इससे घग्घर नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। आने वाला समय बाढ़ को लेकर स्थिति चिंताजनक है। ओ टू हेड से 16 जुलाई तक 25750 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। रावतसर, टिब्बी, हनुमानगढ़, जंक्शन समेत कई जगहों से 2 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। 1200 से ज्यादा लोग घग्घर के खतरे को देखते हुए प्रशासन के राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस बीच एक और नया कम दवाब का क्षेत्र 24 जुलाई से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना है। इससे बारिश की प्रबल संभावना बनी हुई है। बचाव और निगरानी में पूरे संसाधन लगाए गए हैं। ये हालत बनने ही क्यों दिए गए हैं? जब देवी सिंह भाटी सिंचाई मंत्री थे तब उन्होंने घग्घर नदी क्षेत्र का पूरा रिकार्ड मंगवाकर अध्ययन किया। रिकार्ड के आधार पर भाटी ने बहाव क्षेत्र की तीन बीघा क्षेत्र में बने सारे बंधे और अतिक्रमण हटाए। तब से पिछले काफी वर्षों तक घग्घर नदी क्षेत्र में कोई बाढ़ की स्थिति नहीं बनी। अब वापस बंधे बन गए हैं और बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो गए हैं। बहाव क्षेत्र के हजारों बीघा में फसल डूब गई हैं। पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी का दावा है कि बहाव क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त रखकर घग्घर की बाढ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। देवी सिंह भाटी और डा. राम प्रताप दोनों सिंचाई मंत्री रहे हैं। इन मंत्रियों की घग्घर बहाव क्षेत्र पर पूरा अध्ययन है। सरकार इन मंत्रियों के साथ समिति बनाकर घग्घर बाढ़ के स्थायी समाधान की योजना पर काम कर सकती है। इन मंत्रियों ने घग्घर क्षेत्र में काम किया है। इनकी राय से तत्काल बचाव और राहत के काम किए जा सकते हैं।

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