बीकानेर,अजित फाउण्डेशन द्वारा ‘‘भारतीय संगीत ज्ञान-शास्त्र’’ पुस्तक पर पुस्तक चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन की अध्यक्ष्यता करते हुए वरिष्ठ संगीतज्ञ लक्ष्मी नारायण सोनी ने कहा कि यह पुस्तक विद्यालयी एवं महाविद्यालयी छात्रों हेतु उपयोगी सिद्ध होगी। हम पुस्तक को जितना पढ़ते है उतनी ही संगीत के प्रति और अधिक जानकारियां प्राप्त करने की इच्छा जाग्रत होती है।
मुख्य समीक्षक के रूप में पुस्तक की समीक्षा करते हुए राजकीय एम.एस. कॉलेज के संगीत के प्रोफेसर डॉ. असित गोस्वामी ने कहा कि पुस्तक को बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है यह विद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के महत्पूर्ण बिंदुओं का समावेष करती है। पुस्तक में सम्मिलित सामग्री पर विस्तृत टिप्पणी करते हुए डॉ. गोस्वामी ने कहा कि इसमें संगीत की पारिभाषिक शब्दावली, विस्तृत विवरण, तबले के पारिभाषिक शब्द व विभिन्न ताले, कत्थक नृत्य के पारिभाषिक शब्द, संगीतज्ञों की जीवनियां, संगीत संबंधी निबन्ध आदि के बारे में अच्छी सामग्री दी गई है।
कार्यक्रम संयोजक लेखक,संपादक एवं व्यंग्यकार प्रो. डॉक्टर अजय जोशी ने कहा कि यह पुस्तक संगीत के विद्यार्थियों और रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के लिए एक उपयोगी संदर्भ ग्रंथ है।लेखकों ने संगीत सभी पहलूओं पर अपनी कलम चलाई है। डॉ. जोशी ने कहा कि एक पुस्तक में इतने सारे विषय एक साथ न रखकर इसको कई खण्ड़ों में प्रकाशित किया जा सकता था।
पुस्तक के लेखक संगीत शिक्षक ज्ञानेश्वर सोनी ने अपनी पुस्तक की लेखन यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि संगीत के छात्रों हेतु सैद्धांतिक ज्ञान हेतु उपयुक्त पुस्तकों का अभाव रहता है इस अभाव की पूर्ति हेतु इस पुस्तक का लेखन किया गया है। पुस्तक में गायन, वादन एवं नृत्य तीनों के बारे में बताया गया है जो कि सामान्यत एक साथ किसी एक पुस्तक में नहीं मिलता है।
पुस्तक के सह लेखक गौरीशंकर सोनी ने कहा कि पुस्तक लिखते समय उन्होंने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि जब हम संगीत पढ़ाते है तब विद्यार्थियों के किस प्रकार की जिज्ञासाएं रहती है उन जिज्ञासाओं का समाधान इस पुस्तक के माध्यम से करने का प्रयास किया गया है। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने आभार ज्ञापन करते हुए कहा कि सरल शब्दों में रचित यह पुस्तक संगीत के विद्यार्थियों के अतिरिक्त संगीत में रुचि रखने वाले आम व्यक्ति के लिए भी पठनीय बन गई है। अजित फाउण्डेशन कार्यक्रम समन्वयक संजय श्रीमाली ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का संचालन किया। इस पुस्तक चर्चा कार्यक्रम में अमित गोस्वामी,संजय पुरोहित,अरुणा सोनी,योगेंद्र पुरोहित,गोविंद जोशी,ज्ञानेश्वर सोनी,राजेंद्र जोशी सहित अनेक विद्यार्थियों और पाठकों ने सहभागिता की।